Thursday, February 4, 2021

एक नई पहल कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की बच्चियों के अभिभावक के साथ पहला अनुभव

- प्रिया कुमारी 


दरवाजे भी खुलेंगे
पहले ताला तो हटाओ
दिखेगी नई रोशनी 
ज़रा पलके तो उठाओ
रास्ते भी नए मिलेंगे
कुछ कदम तो बढ़ाओ...

आज मैं और मोनिका PTM (अभिभावक शिक्षक बैठक )  करवाने मनियड्डा  गए । जब PTM से 2 दिन पहले मैंने बच्चियों को बताया कि मैं और मौनिका उनके गाँव आ रहे हैं तो बच्चियां  खुशी से उछल पड़ी|  जन मैंने उन्हें बताया कि आपके अभिभावक  से मिलना है, तो बच्च्चियां कुछ देर के लिए शांत हो गयी फिर पूछती है "दीदी क्या हो गया हम लोग कुछ गलती किये क्या?" इस पर मैंने उन्हें कहा कि हम बस मिलने आ रहे हैं, आप लोग अपने घर मे बोल दीजियेगा। 

   

आज सुबह जब जाने का दिन आया तो मेरे मन मे एक खुशी और डर दोनों था की यह सब कैसे होगा? क्या कर पाएंगे? क्योंकि हमदोनो ही नये थे। हम दोनो ने आज से पहले कहीं PTM नहीं करायी थी| हाँ, अपने अपने गांव में खुद जरूर की था । फिर भी मेरे मन मे एक ही सवाल चल रहा था कि क्या यह मुझसे हो पायेगा? क्या मैं उनके सारे सवालो के जवाब दे पाउंगी? पर एक खुशी भी थी कि हम लोग एक नई पहल करने जा रहे है। तो कोशिश करती हूँ, अच्छे से कर पाऊ । मैं अपनी खुशी सब के सामने जाहिर कर रही थी पर जो डर था उसको मे किसी के सामने जाहिर नहीं कर पा रही थी। 


मैं और मोनिका PTM के लिए निकल गए l हम दोनों के मन में  डर था पर किसी से कोई साझा नहीं कर पा रहे थे कि मुझे डर लग रहा है|


हमलोग मनियड्डा पहुँच गए । कुछ पेरेंट्स और बच्ची हमलोगों का इंतजार कर रही थी। ये देख कर ही अंदर से खुशी हुई कि लोग अपना कीमती समय को निकाल कर आए है । 

नमस्ते से शुरुआत हुई । हमलोगों ने अपने बारे मे बताना शुरू किया| फिर और भी लोग आये । हमने अपने और i-सक्षम के बारे में बताया। मेरी बातो को सभी बहुत ध्यान से सुन रहे थे । फिर मैंने उनसे उन के बारे में पुछा और वे भी अपनी बातो को खुल के बता रहे थे। हमलोग एक दूसरे से जुड़ पाये । हमारी शुरुआत अच्छी रही ।


जैसे - किसी का कहना था "आपलोगो ने फोन देकर बहुत अच्छा काम किया है । जो बच्ची हमेशा खेलती थी वो आज इस फोन के जरिये कम से कम पढ़ तो रही है।" किसी ने कहा की "मै बच्ची को पढ़ते देखी दिन भर बच्ची पढ़ते रहती है घर जा कर भी पढ़ती है ।" किसी ने कहा की "दिन भर खेलने से अच्छा की सब एक साथ पढ़ती तो है।" तो किसी ने कहा कि "आप मेरी बच्ची के लिए इतना सब कर रहे है पर जो शिक्षक पैसा ले कर पढ़ाते है वो भी इतना मेहनत नही करते है।"

उनकी बातो से ये साफ पता चल रहा था कि अपनी बच्चियों की पढाई को देखकर वो भी खुश है ।  उनका कहना था की बच्ची मन से पढ़ती है  । उनकी बातो से ऐसा लगा की वो बच्चों के ऑनलाइन क्लास से वे बहुत खुश है । 


हमने अभिभावकों के साथ एक छोटी सी गतिविधि की जहां उन्हें अपने बच्चों के बारे में  कोई 2 ऐसी बातें हमारे साथ साझा करनी थी, जो उन्हें  अच्छी लगती हो l सब से अच्छा ये रहा कि सभी ने बताया कि उनके बच्चों में क्या अच्छा है ।

अंत मे हम लोगो ने उनसे एक पेड़  बनाने की गतिविधि कराई  जो उन्हें अंगूठे से बनाना था| यह गतिविधि काफी अच्छी रही| सभी अपना अंगूठा लगाते समय कह रहे थे की एक सूखे पेड़ में  हरियाली डाल रहे है । (हमारा हाथ शिक्षा और पर्यावरण दोनो  के साथ है) ये हमारा पहला PTM सफल रहा और बहुत कुछ सीख भी दे गया ।

 

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