Friday, January 14, 2022

तुम रुकना नहीं चलते जाना (कविता) : तानिया

तुम रुकना नहीं चलते जाना

माना की मुश्किल बहुत है 
 पर तुम रुकना नहीं चलते जाना 
 मुश्किल को आसान करते जाना 

माना की ये कठिन है 
 पर तुम डरना नहीं चलते जाना 
 डर को मात देते जाना 

माना की जोश है 
पर पर तुम होश मत गवाना चलते जाना 
परिस्थितियां कैसी भी हो मत घबराना 
खुद को मजबूत बनाते जाना 

माना की रास्ते लंबे है 
पर तुम थकना नहीं चलते जाना 
 मंजिल की चाह में बढ़ते जाना 

 माना की हुनर कम है 
 पर अपनी हर अनुभवे से सीखते जाता 
 नई हुनर को बुनते जाना 

 माना की असफलता का कोई समय नही 
 पर हर एक छोटी सफलता को मनाना 
 सफलता जब न मिले तो उसे और बेहतर कर 
 खुद निखरते जाना 

 माना की मुश्किल बहुत है 
 पर तुम रुकना नहीं चलते जाना 
 मुश्किल को आसान करते जाना.

तानिया i-सक्षम, मुंगेर (बिहार) में टीम सदस्य हैं

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