Saturday, April 20, 2024

अभिभावकों को समझाया कि क्या होता है PTM

नमस्ते साथियों,

मैं उत्क्रमित मध्य विद्यालय खरौना मैं पढ़ाती हूँ। शुरू में जब मैंने पढ़ाना स्टार्ट किया था तब मुझे पता चला कि मेरे विद्यालय में कभी PTM ही नहीं हूँई। मैंने प्रधानाध्यापिका से बात करके PTM करवाने का सोचा।

मैं एक-एक बच्चे के घर जाकर अभिभावकों से मिली, उनसे बात की।

वहाँ मुझे पता चला कि इन्हें PTM का मतलब और इस बैठक में क्या-क्या बातचीत होती है, वह भी नहीं पता है। तो मैंने बात करने के साथ, इन्हें जागरूक करने का भी सोचा। उसके लिए मैंने एक बैठक तय की और इस तरह से विद्यालय में पहली PTM प्रधानाध्यापिका की अध्यक्षता में संपन्न हूँई।

अब तक मैंने चार PTM कंडक्ट (conduct) कर ली हैं। इन बैठकों के माध्यम से अभिभावकों को जानकारी हुई है कि उनके बच्चे विद्यालय में क्या पढ़ते हैं? कैसे पढतें हैं? और क्या नयी चीजें सीख रहें हैं?


अब तो अभिभावक खुद ही बच्चों का फीडबैक विद्यालय तक लाते हैं।

जैसे- बच्चे कोई नयी कविता या एक्टिविटी सीखें हैं, पढ़ाई में मन लगने लगा है, अच्छी आदतें अपना रहें हैं आदि।
 
प्रधानाध्यापिका, श्री विभा कुमारी जी और बाकी शिक्षकों ने विद्यालय में हो रहे बदलावों और PTM को रेगुलर करने के लिए मेरी व्यक्तिगत तौर पर प्रशंसा की है। इसलिए मैं बहुत अच्छा महसूस कर रही हूँ।

PTM ही विद्यालय और समुदाय के बीच एक पुल का कार्य करती है। अब विद्यालय परिवार, अपनी बातें अभिभावकों के साथ और अभिभावक, शिक्षकों के साथ रख सकते हैं। इसलिए मैं बहुत अच्छा महसूस कर रही हूँ।

आकांक्षा

  बैच-10, मुज्ज़फरपुर

 

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