अमन प्रताप सिंह
सदस्य आई-सक्षम
Children at Paramjeet's Learning Centre at village Kolhua |
Tutor Name :Paramjeet Kumar (Kahardih, Jamui)
Agenda : Center Observation and CaMal Test.
Visit Date : 04-05-2017 (Thursday) , Time : 03:55 to 06:00
Visitor : Aman Pratap Singh and Bipin Kumar Mishra
आज केंद्र परीक्षण का दिन तय था, मैं और बिपिन जी अपने ऑफिस से करीब 03:30 में कोल्हुआ के लिए प्रस्थान किये | परमजीत से हुई बात के अनुसार वो अपना ये बैच 4 बजे से पढाया करते है, हम करीब 03:55 में उनके केंद्र पर पहुँच चुके थे |
लगभग 04:10 पर परमजीत अपने शिक्षा केंद्र पर पहुंचे और केंद्र का ताला खोले, 2-3 बचे उन्हें देख तुरंत आ पहुंचे धीरे-धीरे करीब 04:20 तक सभी बच्चे केंद्र पर पहुँच गये | सभी का घर वहीँ आसपास था जो भी बच्चा अन्दर आता अपनी प्यारी आवाज में “May I Come in Sir” पूछता और परमजीत के “Comin” बोलने तक दरवाजे पर ही खड़ा रहता शिष्टाचार सभी बच्चों में पहली झलक में ही दिख रहा था | सभी एक-एक कर आते गये और केंद्र के चारो और दिवार से सटे पंक्तिबद्ध होकर बैठते चले गये शिक्षक सभी का दिशानिर्देशित कर रहे थे |
सभी के व्यवस्थित हो जाने के उपरांत शिक्षक ने सभी से गृहकार्य (Homework) जमा करने को कहा, सभी बच्चे एक-एक कर अपना गृहकार्य शिक्षक को सौंप दिए | शिक्षक सभी बच्चों की कॉपी चेक कर रहे थे, गृह कार्य जांचने में सीनियर बच्चों की भी मदद ली जा रही थी | उसी समय शिक्षक ने 5-5 लोगों का दो ग्रुप बनाया और पहले ग्रुप को कुछ TLM Cards जिसमें A,B,C,D लिखे थे दिया और उन्हें क्रमबद्ध लगाने को कहा, सभी ने बड़े आनंदपूर्वक उसे पूरा किया | वहीँ दूसरे ग्रुप को हिंदी अक्षर वाले कार्ड दिए और उन्हें शब्द बनाने को कहा, तबतक बांकी बच्चे अपने मन से कुछ-कुछ कार्य कर रहे थे और कुछ बच्चे बैठे हुए भी थे और शिक्षक अभी गृहकार्य जाँच रहे थे | ग्रुप के कार्य पूरा करने के उपरांत फिर से एक नया ग्रुप बनाया गया जिसे अल्फाबेट (ABCD) के कार्ड दिए गये और उन्हें अपने-अपने नाम लिखने को कहा गया | ये पूरा कार्यक्रम लगभग 30 मिनट तक क्रियान्वित हुआ, उसके उपरांत |
शिक्षक ने बच्चों से किताब के लिए पूछा, 7-8 बच्चों ने हाँथ उठाया | फिर शिक्षक ने कक्षा 3 की हिंदी किताब देने को कहा और उन्होंने “बैलगाड़ी का दाम” अध्याय निकालने को कहा | 2 बच्चों के पास किताब थी और उसमें से 1 शिक्षक ने लेली अब वो कहानी पढ़ाना शुरू कर रहे थे, बच्चे बहोत उत्साहित दिख रहे थे | “बैल-गाड़ी किस-किस ने देखा है, हाँथ उठाओ” ये पहला प्रश्न शिक्षक ने बच्चों से किया | बहोत से बच्चों ने अपना हाँथ उठाया, फिर उन्होंने एक बच्चे से पूछा “बैलगाड़ी में कौन सा जानवर होता है” उसने सही जवाब दिया शाबाशी के साथ उसे बैठने को कहा गया | कहानी पढ़ाने से पहले उसपर आधारित प्रश्न “कहानी पठन” की प्रशिक्षण में सिखाया जाता है, उसे होता देख बहोत अच्छा महसूस हो रहा था | उसके बाद शिक्षक ने बहोत तेज़ और साफ शब्दों में कहानी पढ़ाना शुरू किया और पूरी कहानी को बहोत अच्छे से बच्चों को सुनाया गया, बीच-बीच में बच्चों से प्रश्न भी किया जा रहे था | यहाँ हमारे मूल्यांकन के सत्र में बताये गये तीनो तरीके के मूल्यांकन (पढ़ाने से पहले, पढ़ाते समय, पढ़ाने के बाद) का प्रयोग शिक्षक ने मौखिक रूप में बहोत सहजता से पूरा किया सभी बच्चे भी पूरा आनंद ले रहे थे | कहानी पूरा करने के उपरांत सभी से उसपर आधारित प्रश्न पूछा गया इस प्रकार कहानी पाठन सत्र पूरा हुआ, उसके बाद सभी बच्चों से घर में पढ़ी गई कहानी के बारे में पूछा गया और एक लड़के (शिवम् कुमार, कक्षा-4)को पढ़ी कहानी सुनाने को कहा गया, उसने बिना देखे लगभग पूरी कहानी का चित्रण सटीक शब्दों में बिना रुके किया में उसे देखता ही जा रहा था, समाप्त करने पर उसका तालियों से अभिनन्दन किया गया बेहतरीन पल था ये |
फिर हमसे कक्षा में आगे के कार्य (CaMal Test) कराने को शिक्षक ने कहा, सबसे पहले हमने अपना और अपने संस्था का परिचय दिया और आई-सक्षम के नारे भी लगवाये, सभी बच्चों से उनका परिचय भी लिया उसके बाद सभी बच्चों की क्रमांकित किया कुल 22 बच्चे थे और उन्हें अपना नंबर याद रखने को कहा | तेज़ धुप की गर्मी के कारण अन्दर बहोत तेज़ की गर्मी भी लग रही थी जैसे ही बच्चों को बाहर घुमने और हवा का आनंद लेने तथा एक-एक कर अन्दर आने को कहा सभी उत्साहित हो बाहर चले गये, ये उनके लिए भी नय अनुभव था | अब एक-एक-कर बच्चे आते गये और सभी बच्चों (22) का CaMal टेस्ट अच्छे से पूरा किया गया, उस समय शिक्षक सभी बच्चों के कॉपी में उनके लिए गृहकार्य दे रहे थे |
और उसके बाद सभी बच्चों को घर जाने की छुट्टी दे दी गई |
नोटिस की गई कुछ अच्छी बातें :
- बच्चों में शिष्टाचार दिख रही थी, किसी कार्य हेतु शिक्षक से अनुमती ली जा रही थी |
- बच्चों के साथ ग्रुप कार्य कराया जा रहा था |
- गृह कार्य जांचने में एकदूसरे भी कार्य कर रहे थे |
- बच्चों की गलती करने पर शिक्षक सही निर्देशन बड़े प्यार से कर रहे थे |
- बच्चों को अच्छे तरीके से कहानी पढाया जा रहा था |
- बच्चों के मुल्यांक पर धयान दिया जा रहा था |
- ट्रेनिंग में बताये गये बातों जैसे : TLM, कहानी पढ़ाने के तरीके, मूल्यांकन के तीनो तरीको का इस्तमाल हो रहा था |
- बच्चे शिक्षक से बेहिचक अपनी बात कह या पूछ रहे थे |
मेरे अनुसार दी जा सकने वाली प्रतिक्रिया (Feedback) :
- बोर्ड का इस्तमाल करना |
- उपस्थिति पंजी का इस्तमाल करना |
- अन्दर बहोत तेज़ गर्मी होने के कारण बच्चे परेसान रहते है, उसका कुछ इंतजाम करना|
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