Friday, May 19, 2017

समय : Session on time at KGBV Jamui

       समय 

by Ekta


समय से लड़कर अपना नसीब बदल दे,
इंसान वही जो अपनी तकदीर बदल दे |
कल क्या होगा उसकी कभी ना सोचो,
क्या पता कल समय खुद अपनी लकीर बदल दे|



समय! समय तो हर किसी के जीवन में महत्व रखता है किन्तु विधार्थी जीवन में समय का बड़ा ही महत्व होता है | समय के इसी पावन महत्व को समझाने के लिए मैंने उन्हीं की कक्षा 7 की कविता समय का चुनाव किया, जिसमे बहुत ही सुंदर ढंग से सुरों में तथा सरल शब्दों में समय के महत्व के बारे में बताया गया है|
इस कविता का चुनाव मैंने इसलिए किया क्योंकि इसके अधिकांश शब्दों से छात्राएं परिचित थीं| इस कविता में एक जैसे उच्चारण वाले शब्द बार-बार आ रहे थे, जिससे मुझे इन शब्दों का उच्चारण करवाने के साथ-साथ इन्हें दोहराने और लिखवाने में भी आसानी हो रही थी और छात्राएं भी आसानी से समझ पा रही थीं|

मैंने कक्षा को रोमांचक बनाने के लिए सबसे पहले बोर्ड पर एक घड़ी बनाई और उनसे पूछा कि क्या किसी को पता है आज हम क्या पढ़ने वाले है?

एक बच्ची ने बहुत उल्लास के साथ बताया की हम आज घड़ी के बारे में पढ़ने वाले है और सभी बच्चियों का दिमाग इसी पर केन्द्रित हो गया| किसी ने भी समय का जिक्र नहीं किया तो मैंने सवाल पूछ कर थोड़ी-सी उनकी सहायता की| मेरा सवाल था- हम घड़ी का इस्तेमाल क्यों करते हैं? जवाब आया, समय देखते हैं| फिर मैंने सवाल किया कस्तूरबा में समय पर क्या-क्या करते है? इसका उत्तर हमें हर विद्यार्थी ने कुछ न कुछ कहा| जैसे- किसी ने कहा "समय पर उठते हैं", "समय पर योग करते हैं", "समय पर स्कूल जाते हैं", "खाना खाते हैं", "पढाई करते हैं", "खेलते हैं" और फिर "सोते भी हैं समय पर"| एक ने कहा दीदी समय पर हम परीक्षा भी देते हैं| इसके बाद सभी बच्चियों ने अंदाजा लगा लिया की आज “हम समय के महत्व” के बारे में पढ़ने जा रहे हैं|
               
कविता को मनोरंजक बनाने के लिए मैंने इसे लय में गाना शुरू किया| मेरे गाने के बाद दुबारा हमलोग साथ-साथ किताब में लिखे शब्दों पर अंगुली फेरते हुए गाने लगे| इस प्रक्रिया को 3 से 4 बार दोहराने के बाद सभी बच्चियां कुछ लाइने खुद से बिना किताब देखे गुनगुनाने लगीं|

इनसे जुडी कुछ अन्य एक्टिविटी:
मौखिक सवाल: इस कविता में मैंने अलग-अलग तरह के क्रियाकलाप को सामिल करने का प्रयास किया| मैंने उन्हें समूह में बाँट दिया और सभी के लिए एक सवाल था- आपलोगों को इस कविता से क्या समझ में आया? सामूहिक उत्तर से सभी ग्रुप से मिल गया पर जब सब से एक-एक करके पूछा तो केवल काजल, प्रिया और कविता ने उत्तर दिया| मेरे फिर से समझाने के बाद भी मुझे तीन बच्चियों से कोई उत्तर नहीं मिला|
             
स्मरणशक्ति से लिखना: फिर मैंने कहा अपनी स्मरणशक्ति से कविता में आये शब्दों को लिखें | इस क्रिया में 17 बच्चियों में से 3 ने सही-सही लिखा, 10 बच्चियों ने लिखने में थोड़ी गलती की और 4 बच्चियां नहीं लिख पाई क्योंकि उन्हें लिखने में कठिनाई होती है|
                 
देखकर एक जैसा उच्चारण वाले शब्दों का चुनाव: इस अभ्यास में सभी ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया पर 4 बच्चियां ऐसे करने में असमर्थ महसूस कर रही थी| पर अच्छी बात यह रही की वो इससे मिलती-जुलते शब्द बोल पा रहीं थी|
               
शब्दों से वाक्य बनाना: इस अभ्यास में मैंने कविता में प्रयुक्त होने वाले शब्दों पर वाक्य बनाने के लिए बोला| परिणाम कुछ कारगर नजर नहीं आया, बस वही 3 लड़कियां पहले अभ्यास की तरह बेहतर कर पाई| फिर मैंने सभी को रोजाने प्रयोग होने वाली क्रियाओं को लिखने अथवा बोलने के लिए बोला जैसे;- खाना, पीना, पढ़ना, खेलना आदि| 3 बच्चियां इसमें भी 2-4 से ज्यादा नहीं बता पाई|
 
कहानी लेखन: कक्षा के अंत में मैंने बच्चियों से कहा आपलोग अपने जीवन से जुड़ी कोई सच्ची घटना लिखिए जिसमे आपको समय का महत्व समझ में आया हो| जैसे:- कभी अपने स्कूल जाने में देर कर दी हो और आपको कक्षा में जाने की अनुमति न मिली हो| हमलोग अपनी-अपनी कहानी कल कक्षा में सब से साझा करेंगे|
अगले दिन परिणाम यह निकला कि सभी ने मेरे दिए गए उदहरण को ही 2-2 पक्तियों में खत्म कर दिया| जैसे: मै समय पर नहीं उठ सकी इसलिए मै एक दिन विद्यालय नहीं जा पायी, मैं विद्यालय देर से पहुंची तो मेरे शिक्षक मुझपर बहुत गुस्सा हुए आदि |

निष्कर्ष:- यह पाठ मेरे लिए भी बहुत कारगर साबित हुआ| मुझे बच्चियों की कुछ कमियों और ढेरों खूबियों के बारे में पता चला जो मेरे आगे के अभ्यास में मददगार साबित होंगी| लगभग 75% लड़कियां इस कविता के उद्देश्य को समझने के साथ-साथ इसपर दो शब्द बोल पाई| एक जैसे शब्दों को उनके आवाज से पकड़ना काफी हद तक सभी बच्चियों को आ गया| सबसे अच्छी बात यह हुई कि मै सारी लड्कियों के बारे में जान पाई कि किस छात्रा को किस प्रकार के शब्दों में, किस प्रकार की समस्या है|                                                                          

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