कविता पाठ
सीखें
-Nalini and Nikita
कविता का उदेश्य : यह कविता कक्षा 3 से ली गयी है| इस कविता को चुनने के पीछे हमारा उद्देश्य था कि बच्चियां कविता के माध्यम से खेल-खेल में सजीव और निर्जीव के बारे में सीख सके और दूसरा सबसे अहम् कारण यह था कि इस कविता में छोटे-छोटे शब्दों का तथा आसपास में आसानी से देखे जाने वाली वस्तुओं का चुनाव किया गया जिसे बच्चियां आसानी से समझ सकती थी और सीख सकती थी| इस कविता के माध्यम से नैतिकता का भी बोध करवाने का प्रयास किया गया है| इस कविता में जिन शब्दों का प्रयोग किया गया वे सारे शब्द सजीव है, और इसके द्वारा हम उन्हें सजीव और निर्जीव वस्तुओं से अवगत करने में सफल हो सकते हैं| ये हमारा विश्वास था|
हम कक्षा में गए और छत्राओं से जानने का प्रयास किया कि उन्हें कविता पढ़ना कैसा लगता है| सभी कविता के नाम पर खुश हो गयीं| फिर हमने उन्हें बताया आज हम “सीखो” कविता पढेंगे| इस कविता की भूली-बिछड़ी दो पंक्तियाँ सुषमा और गीता को पहले से आती थी| इन दोनों के अलावा ये कविता सभी बच्चियों के लिए नई थी, जबकि सभी बच्चियां कक्षा 6 की छात्रा हैं|
हमने उन्हें कविता का उदेश्य और कविता के अर्थ को गाकर और उसके साथ थोड़ा अभिनय करके दिखाया| हमने बच्चियों से भी ऐसा करने को कहा| सभी ने हँसना शुरू कर दिया| सभी को अकेले-अकेले करने में शर्म आ रही थी तो हमने उन्हें 5-5 के समूह में बाँट दिया और 10 मिनट का समय दिया और बोला आप लोग अपने समूह में इस कविता का अभ्यास करें, हमलोग साथ-साथ इस कविता को गायेंगे और अभिनय करेंगे| सभी अपने-अपने समूह के साथ आतीं 2 लड़कियां कविता पाठ करती और 3 लड़कियां गुनगुनाते हुए अभिनय करती| सभी लड़कियों ने बारी-बारी से अपने समूह में कविता का पाठ किया और अपने-अपने तरीके अभिनय किया|
इसके बाद हमने उन्हें कक्षा से बाहर खुले मैदान में जाने को कहा और अपने आस-पास की चीजों को अपनी-अपनी कॉपी में लिखने को कहा| जब बच्चियां कक्षा में वापस आई तो उनमे से एक ने बड़ी उत्सुकतापूर्वक पूछा, “दीदी! हमने इसे क्यों किया?”| फिर हमें सभी बच्चियों से ही पूछा “अच्छा बताओ की हमलोग ने अपने आस-पास की कौन-कौन-सी वस्तुओं को देखा? इन वस्तुओं से हमें क्या-क्या सीखने को मिल सकता है? जैसा की हमने कविता में थोड़ी देर पहले सिखा|” सभी बच्चियां एकदम शान्त थी पर उनके चेहरे पर ये जानने की इच्छा हो रही थी, हमने इसे क्यों किया| साथ ही साथ वे हमारे सवाल का जवाब ढूंढने का भी प्रयत्न कर रहीं थीं |
किसी से जवाब न मिलने के बाद हमने उनसे कहा आपलोगों ने जो-जो लिखा है उसे बारी-बारी से बताइए | ध्यान रहे जो शब्द बोल दिए जा चुके है उनको छोड़कर दूसरा शब्द बोलना है| सभी बच्चियों की कोपी से हमे 37 शब्द मिले | फिर हमने उनसे पूछा इसमें से कौन-सी ऐसी वस्तु है जिसे भगवान ने बनाया है और कौन-सी ऐसी वस्तुएं है जिसे आदमी ने बनाया है? लगभग सभी ने सही-सही चुनाव किया| इसके बाद हमने उन्हें बताया जिसे भगवान ने बनाया उसे सजीव और जिसे आदमी ने बनाया उसे निर्जीव वस्तु कहते है | इससे हमें सजीव और निर्जीव के बारे में बताने में सुविधा हुई और वे भी आसानी से दोनों के बीच के अंतर को समझ पाई| फिर हमने कहा हमलोग इसलिए बहार गए थे, इससे हमें सजीव व निर्जीव वस्तु के बारे में जानकारी प्राप्त हुई | इसके बाद हमने सजीव और निर्जीव के गुणों के बारे में बात करना प्रारंभ कर दिया जिससे उनकी समझ और विकसित हुई |
इसके बाद आश्चर्य की बात यह हुई की कि जब जब हमने सजीव और निर्जीव वस्तु बोला तो अभी भी 7-8 बच्चियां ऐसी थी जिनको दोनों में अन्तर करने में थोड़ी दिक्कत महसूस हो रही थी | बात करने के बाद पता चला की उन्होंने ये शब्द पहली बार सुनी है इसलिए याद रखने में समय लग रहा है |इसके बाद हमने 37 वस्तुओं के नाम को फिर से बोर्ड पर लिखा और लड़कियों से कहा इन वस्तुओं को सजीव और निर्जीव में बाँटिये | कुल 35 लड़कियों में सजीव और निर्जीव वस्तुओं तक पहुँचने का आंकड़ा कुछ इस प्रकार से है:-
0 सही 0 से 10 तक सही 10 से 20 तक सही 20 से 37 तक सही
7
11
9
8
अगले दिन हमने उन्हें अगले दिन के अभ्यास से लिए गृहकार्य दिया | हमने उनसे कहा इस कविता में प्रयुक्त होने वाले शब्दों की सहायता से आप सभी को अपनी-अपनी एक कविता बनानी है | अगले दिन जब हम गए तो सभी ने कुछ-कुछ कहानी सुनाई | इसमें से एक बच्ची पूनम की कहानी इस प्रकार है : - “मुझे ठण्ड लग रही थी और मैंने सोच लिया था की मै अब कुछ नही कर पाउगी परन्तु थोड़ी ही दूर पे आग जल रही थी , मै आग के पास जाकर खड़ी हुई और मैंने देखा की आग से निकलता धुआं उंचाई तक जा रहा है, तो मेरी समझ में आया की मै भी धुएं की तरह उंचाई तक जा सकती हूँ|
निष्कर्ष – इस कविता के द्वारा हमने पाया की 50% से भी ज्यादा बच्चियां सजीव और निर्जीव वस्तुओं का सही-सही पहचान नहीं कर पायीं !
जिन बच्चियों को पिछले दो दिनों सही-सही सजीव और निर्जीव वस्तुओं के बारे में समझ नहीं थी उनके लिए हमने तीसरी सेशन में इन्हे एक-एक करके समझाया, सजीव और निर्जीव वस्तु को चित्र के द्वारा बताया | फिर इनसे पूछा सजीव और निर्जीव वस्तु कौन-कौन से वस्तुएं आ सकती है ? उसके गुण बताइए | उनके द्वारा बताने पर हमें यह पुष्टि हो गयी कि वे सजीव तथा निर्जीव के बारे में समझ गयी है| उनका जवाब सही था | वो उदाहरण देने में भी समर्थ थीं | हमारे प्रयास तीन दिन के अभ्यास के बाद रंग लाया |
By,
No comments:
Post a Comment