Monday, May 7, 2018

Aman writes about fellowship session 5th May 2018, with 2nd Batch of Fellows



Experience of 3rd Fellowship session with 2nd batch of i-Saksham Fellows

Date - 05h May2018
Time – 10:30 to 2 pm
Place – Jamui

1. Activity: Tiger-Wall-Gun

शुरुवात :- आज भी सेशन की शुरुआत एक गतिविधि से शुरू हुई जिसमें सभी प्रतिभागियों को दो समूह में बाँट दिया गया और उन्हें अलग-अलग स्थान पर इस गतिविधि को करनी थी जिसमें एक समूह को तनुज और दुसरे को बबलू नेतृत्व कर रहे थे | इस गतिविधि में सभी प्रतिभागी ने अच्छी तरह भाग लिया, बबलू के समूह में जहाँ एक तरफ लड़कियां थी वहीँ दूसरी तरफ लड़कों का समूह बना था | जिसमें लड़कों का समूह सामने आकर अपने आप की व्यक्त (Express) कर प् रहा था वहीँ लड़कियों के समूह को सामने आकर व्यक्त (Express) करने में हिचकिचाहट हो रही थी, तभी दीनानाथ सर (प्रथम संस्था) ने सभी को अच्छे से आगे कर अपने चिन्ह को व्यक्त (Express) करने को कहा उसके बाद सभी अच्छे से भाग ले पा रहे थे | वहीँ दूसरी समूह भी पुरे उत्साह के साथ गतिविधि में भाग ले पा रहे थे |



बबलू प्रतिभागियों को Tiger-Wall-Gun गतिविधि समझाते हुए

इस गतिविधि से जो निकल कर आया वो इस प्रकार है :-
  • सभी प्रतिभागी अपने आप को अच्छे से व्यक्त (Express) कर पा रहे थे
  • प्रतिभागियों में उत्साह बन पाया
2. Silence & Debrief:
साइलेंट गतिविधि करने के लिए सभी प्रतिभागियों को एक वृताकार आकृति में बिठाया गया, इस गतिविधि का नेतृत्व श्वेता द्वारा किया जा रहा था | जिसमें उन्होंने सभी को आंखे बंद करने को कहा और एक गाना बजाया, २ मिनट बाद सभी ने अपनी आंखे खोली |
3. पिछली सप्ताह हमने क्या सीखा:
इस गतिविधि का नेतृत्व अमर द्वारा किया जा रहा था, जिसमें उन्होंने सभी प्रतिभागियों को पिछले सेशन के मुख्य गतिविधि के नाम को अलग-अलग चिट में लिख कर अलग-अलग प्रतिभागियों को दिए | जिन प्रतिभागियों को जिस भी गतिविधि का चिट मिला हो उन्हें उस गतिविधि में क्या समझ आया पुरे समूह को बताना था | इस गतिविधि में प्रतिभागियों को उनकी समझ व्यक्त करने में थोड़ी समस्या हो रही थी वहीँ उस गतिविधि में क्या हुआ को बताने की कोशिश कर रहे थे | जिसमें सिम्पी ने इस बार के साइलेंस को पिछली बार से बेहतर बताया, वहीँ रोहित ने ‘A day in life of fellow’ की गतिविधि को पुरे तरीके से समझाया, शबाना के पास प्रशिक्षण के नियम तय करने की चिट थी जिसमें उन्होंने उस दिन तय किये गए नियमों को समझाया | सभी चिट पर बातचीत पूरी होने के बाद अमर ने पिछले सप्ताह हुए सभी गतिविधियों को एक बार फिर से दुहराया |

4. A day in life of our students:
इस गतिविधि का नेतृत्व प्रज्ञा, अमन और तनुज द्वारा किया जा रहा था, जिसमें सभी प्रतिभागियों को 1, 2 और 3 की संख्या में वर्गीकृत किया और उन्हें क्या करना है समझाया गया | इस गतिविधि में उन्हें अपने केंद्र के किसी विद्यार्थी के बारे में उनकी एक दिन की दिनचर्या लिखनी थी | जिसमें 1 नंबर वाले प्रतिभागी को एक तेज विद्यार्थी, 2 नंबर वाले प्रतिभागी को एक कमजोर विद्यार्थी तथा 3 नंबर वाले प्रतिभागी को अपने केंद्र के किसी छात्रा (लड़की) की दिनचर्या लिखनी थी | जिसमें उन्हें इन पांच तरह की बातों (गतिविधि, लोग, स्थान, खली समय, उनकी चिंताएं) पर वह दिन भर में क्या करते होंगे सोच कर लिखनी थी |
जैसे ही इस गतिविधि को बताया गया, अमित ने तुरंत एक सवाल पूछा सर, बच्चे दिनभर क्या करते हैं हमें कैसे पता होगा उन्हें इस पर थोडा सोचने, कोशिश करने को कहा गया |
सभी प्रतिभागियों को तिन अलग-अलग रंग के चार्ट पेपर के टुकड़े उनके नंबर के अनुसार (लाल-तेज़ बच्चे के लिए, पिला-कमजोर बच्चे और सफेद छात्रा (लड़की) के लिए) दिए गए | उसके बाद और सभी को अलग-अलग स्थान पर बैठ कर इसपर सोचने को कहा गया |
सभी प्रतिभागी अलग-अलग स्थान पर बैठ कर अपने छात्र के एक दिन की दिनचर्या को अपनी समझ के अनुसार कागज पर उतारने लगे |  20 मिनट की गतिविधि के बाद लगभग सभी ने अपने-अपने चार्ट पेपर पर अपनी समझ को प्रदर्शित किया |
                  
विकास और प्रवीन अपने बच्चों के       प्रतिभागियों को गतिविधि समझती ममता
बारे में लिखते     

इसके बाद सभी के चार्ट पेपर को केंद्र में लगे धागे की मदद से पिन किया गया और अब सभी प्रतिभागियों को दुसरे प्रतिभागियों द्वारा बनाये गए चार्ट को देखने का अवसर दिया गया, जिसमें सभी बड़ी उत्सुकता के साथ एक-दुसरे के चार्ट को देख रहे थे |
      
                                                 
रोहित, शशि और विकास दुसरे              प्रतिभागी अपनी बरी का इंतजार करते
के चार्ट   देखते    हुए                            
          
 अब वक्त था इसपर चर्चा करने की, लगभग 10 मिनट इस देखने के क्रम के बाद सभी प्रतिभागियों को अपने स्थान पर बैठने को कहा गया और एक-एक कर उनकी इस गतिविधि के बाद की समझ को व्यक्त करने के लिए कहा गया |
चर्चा में मुख्यतः जो बातें सामने आईं उसमें से-
  • ·         बच्चों के बारे में जानकारी नहीं, सिर्फ बच्चों को पढ़ा दिए उतना से ही काम रखते थे, हमें बच्चों पर और समझ बनाने की जरुरत है |
  • ·         तेज बच्चे और कमजोर बच्चों की गतिविधि में अंतर दीखता है |
  • ·         बच्चे अधिकतर मोबाइल छेड़ते रहते है और ज्यादा टीवी देखते हैं |
  • ·         तेज़ बच्चे अपना काम सही समय पर पूरा करते हैं |
  • ·         कमजोर बच्चे ज्यादातर खेलने पे ध्यान देते हैं |
  • ·         कमजोर बच्चे रेगुलर कक्षा नहीं आते हैं |
  • ·         लड़कियों और लड़कों के गतिविधि में बहुत ज्यादा अंतर देखने को मिलता है
  • ·         लड़कियां अधिकतर अपने घर के कामों में उलझी रहती है
  • ·         तेज़ बच्चा थोडा शरारती भी होता है और सब कामों में तेज़ी दिखता है
  • ·         बच्चे घर की परिस्थितियों के कारन स्कूल या केंद्र पर पढने नहीं आपाते हैं |
  • ·         कमजोर बच्चों में ज्यादा घर के कामों का भी बोझ होता है जिससे वह पढाई पे ध्यान नहीं दे पाते हैं |
  •  ·         जो बच्चे कमजोर होजाते हैं, उनमें कमजोर होने की भावना भी बच्चे की सबसे बड़ी चिंता हो जाती है |
  • ·         कमजोर बच्चे में स्कूल नहीं जाने की इक्षा होती है,वे स्कूल या केंद्र पर जाना ही नहीं चाहता है |
  • ·         लड़कियों की चिंताओं में घर से आगे नहीं पढ़ने की बातें जल्द ही उसकी शादी कराने की बातें

इसके बाद हमने 3 सवालों के साथ इसे चर्चा को रोका, जिसमें-
  •           हमें अपने बच्चों के बारे में और अधिक जानने की आवश्यकता है?
  •       अगर हमें बच्चों के बारे में जानना है तो यही गतिविधि अपने बच्चों के साथ करनी होगी, जिससे हमारी समझ और मजबूत हो सके |
  • .      जिस बच्चे के बारे में हमने अपनी सोच-समझ से लिखा है, उनसे जा कर बात करेंगे और उनके बारे में जानने की कोशिश करेंगे |  

5. ASER मूल्यांकन का अनुभव:
पिछले सेशन में हमने ASER मूल्यांकन विधि पर चर्चा किया और प्रतिभागियों को अपने केंद्र के किन्ही 2 बच्चों का मूल्यांकन क्र के आने को कहा |
इस गतिविधि के माध्यम से हम प्रतिभागियों के ASER मूल्यांकन के उनके अनुभव तथा मूल्यांकन कराने में आई समस्या को जानने की कोशिश  कर रहे थे | जिसमें, सभी प्रतिभ्गियों को 4 अलग-अलग समूहों में उनके बड्डी (Buddy) के साथ बाँटा गया-
समूह 1: नलिनी, निकिता, प्रिया, सिम्पी, निखत और अन्नू  
समूह 2: तनुज, स्वेता, विकाश, प्रवीन, प्रीति और आरती
समूह 3: अमर, बबलू, रोहित, विकाश, धर्मराज और बाल्मीकि
समूह 4: ममता, श्रवण सर, शबाना, शशि, मालती, अमित    

सभी समूह के बातचीत के बाद जो बातें सामने आईं-
  • कुछ फेलो ने 10-15 बच्चों का भी मूल्यांकन करवाया था |
  • ज्यादातर फेलो ने बच्चों का मूल्यांकन नहीं कराया था (जिसके कारण उनके अनुभव सामने नहीं आप रहे थे)
  • फेलो को ASER मूल्यांकन को और समझने की आवश्यकता है |
इसके बाद, दीनानाथ सर (प्रथम) ने प्रतिभागियों को ASER मूल्यांकन की और बेहतर समझ के लिए सभी का एक सेशन लिया | जिसमें उन्होंने एक बेहतरीन प्रस्तुतीकरण द्वारा इसे प्रतिभागियों के बिच रखा, और एक-एक कर सभी बातों पर चर्चा की उसके बाद उन्होंने एक और प्रस्तुतीकरण (जो बहुत ही रोचक रूप से बने थे) से सभी का मूल्यांकन किया |
  दीनानाथ सर, प्रतिभागियों को ASER की जानकारी देते हुए 



6. ASER test demo (fellow’s के द्वारा):

अब सभी प्रतिभागियों को उनके बड्डी (Buddy) के साथ (2 प्रतिभागी 1 बड्डी (Buddy)) बैठाया गया जिसमें हर एक प्रतिभागी को ASER मूल्यांकन का Demo कर के दिखाना था | सभी प्रतिभागियों ने इसे अच्छे से पूरा किया और बच्चे की भूमिका भी निभा पाए |
Buddy अपने फेलो के साथ:  

Buddy
Tanuj
Sweta
Mamta
Aman
Bablu
Nalini
Amar
Nikita
Fellows
Vikash (New), Pravin
Prity, Arti,
Malti, Shabana
Shashi, Amit
Balmiki, Dharamraj
Priya, Nikhat
Vikash (Old), Rohit
Annu, Simpi

सेशन समाप्त होने के बाद सभी प्रतिभागियों को सेशन पर फीडबैक के लिए एक चिट दिया गया जिसमें सेशन के मुख्य थीम (theme) लिखे थे और उन्हें 1-5 में अंक देना था | उसके बाद उन्हें इस सप्ताह किये जाने वाले मुख्य कार्य जैसे- सभी बच्चों का ASER मूल्यांकन, बच्चों से उनके 1 दिन को समझना, बच्चों का प्रोफाइल शीट पूरा करना |
  • प्रीति (धरमपुर): जिस वक्त समूह ‘A day in life of student’ के गतिविधि पर चर्चा कर रही थी उस वक्त एक सवाल निकल कर सामने आरहा था जिसमें बच्चों के कमजोर होने का जुम्मेदार कौन? उसमें बाल्मीकि जी ने बातों-बातों में कहा इसका कारन अभिवावक का बच्चों पे ध्यान नहीं देना भी है | उसपर तुरंत प्रीति ने पुरे आत्मविश्वास के साथ पुरे समूह के सामने यह बात रखी की नहीं सिर्फ अभिवावक ही नहीं शिक्षक ज्यादा जिम्मेदार है | अपनी बातों को आत्मविश्वाश के साथ सब के सामने रखना उस वक्त ये बहुत ही प्रभावी था |
  • शबाना: पिछले सेशन कि तुलना में इस बार ज्यादा खुल कर सम्मलित हुई, “A day in life of student” के बाद तुरंत ही उसे अपने बच्चों के साथ करवाने की बात कही |
  • धर्मराज: सेशन समाप्त होने को बाद जाते समय उनसे बात करने के बाद वे बहुत ही उत्साहित दिख रहे थेउन्होंने कहा सम्मलित हो कर बहुत ही अच्छा लगा, बहुत मजा आया” |
Trainer Name:- Aman/Pragya/Amar/Tanuj      Place:- Jamui             Time:-10-01:30
Name of Trainee/Participant :- Rohit kumar, Annu kumari , Simpi kumari, Shashi kumar, Vikash Tanti, Amit kumar , Shabana parween , Vikash kumar, Nikhat khatoon , Parveen kumar, Balmiki kumar Yadav, Arti Kumari, Priya Kumari, Malti Kumari, Prity Kumari, Dharamraj Kumar, Nikita, Mamta, Nalini, Sweta, Bablu, Bipin, Dinanath Sir (Pratham).


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