दोस्तों मैं "पुस्तकालय" के बारे में एक पुस्तक का अनुभव आप लोगों के साथ साझा करने जा रहा हूँ।
पुस्तकालय एक सामाजिक संस्था है जो कि मनुष्य को पुस्तकालय प्रशिक्षारथी के रूप में उभारती है। एक जन पुस्तकालय निरन्तर समाज में कल्याणरत रहते हुए बिना किसी भेद-भाव के सभी वर्ग के लोगों को निःशुल्क ज्ञान वितरण करती है, और मानव की साहित्यिक एवं बौद्धिक उपलब्धियों को आगे आने वाली पीढियों के उपयोग के लिए सदेव सुरक्षित रखता है।
पुस्तकालय के उपयोग एवं विकास और कायम रखने के लिए सरकार और जनता को हमेशा बढ़-चढ़ कर आगे आना चाहिए। दोस्तों आइये जानते हैं कि पुस्तकालय हमारे जीवन पर कैसे प्रभाव डालता है।
- पुस्तकालय में संगृहीत पाठ्य - सामग्री का अध्ययन कर के कोई भी व्यक्ति अपने कार्य में दक्षता प्राप्त कर के व्यक्तिगत उन्नती के साथ-साथ राष्ट्रीय प्रगति मे सहायक सिद्ध होता है।
- पुस्तकालय द्वारा जन साधारण को अपने अवकाश के समय का सदुपयोग और मनोरंजन प्राप्त होता है। पुस्तकालय के द्वारा निष्पक्ष रूप से सभी विषयों का आधुनिकतम सूचना और पाठ्य-सामग्री प्राप्त होती है।
- पुस्तकालय जनसाधारण को आजीवन स्वशिक्षा प्राप्त करने में सहायक होता है। पुस्तकालय जनसाधारण को भली-भांति सूचित करता है ताकि वह अपने अधिकारों और कर्तव्यों का ठीक प्रकार से निर्वहन कर सके।
- पुस्तकालय बिना किसी भेद-भाव के सभी वर्ग के लोगों को निःशुल्क ग्रंथ और सूचना प्रदान करता है। पुस्तकालय जनसाधारण को कुशल नागरिक बनाता है एवं कौशल निखारने में योगदान करता है।
विपिन, i-सक्षम संस्था में टीम सदस्य हैंI ये जमुई, बिहार के निवासी हैंI
No comments:
Post a Comment