Sunday, May 5, 2019

तानिया परवीन- बीते दो साल और मैं|



मैं आज आप लोगों के साथ i-Saksham के साथ 2 साल के अनुभव को साझा करने जा रही हूँ| वैसे तो अगर सही में बोला जाए तो, इतने लंबे समय के अनुभव को साझा करना थोड़ा कठिन है| इसलिए मैं अपने कम लफ़्ज़ों में ही बताना चाहूँगी । 

सबसे पहले मैं ये बताना चाहूँगी कि मैं i-saksham से मिलने से पहले कैसी थी । मैं बच्चों को उस समय भी पढ़ाती थी लेकिन उस समय मैं उसी तरीके से पढ़ाती थी जैसे मैं पढ़ी हूँ या फिर जैसे मेरे आस पास के कुछ शिक्षक पढ़ाते थे । मुझे गुस्सा बहुत आता था| जब बच्चे कुछ समझते नही थे, मैं उन को पीटती भी थी । मैं बाहर के लोगो से बहुत कम मिलती थी,मुझे बहुत डर लगता था और उन से बात करने में बहुत झिझकती थी कि कही मैं कुछ गलत न बोल दूँ । मुझे singing and teaching हमेशा से पसंद था और मैं पहले से ही एक अच्छी शिक्षक बनना चाहती थी लेकिन इस के लिए मैं क्या करूँ मुझे पता नही था 

i-Saksham के मिलने के बाद मुझ मे बहुत बदलाव आए मेरी बहुत सी आदतें बदली जैसे - मैं अब बच्चों को सही तरीके से पढ़ाती हूँ, उनको पिटती नही हूँ और मुझे अब भी कई चीज़ों पर गुस्सा आता है लेकिन अब मैं उस गुस्से पर नियंत्रण रखना जानती हूँ और मैं ये समझने की कोशिश करती हूं कि मेरे लिए क्या महत्वपूर्ण है । मेरा पहले सिर्फ एक लक्ष्य निश्चित था लेकिन रास्ता नही, अब मैं ये कही न कही जानती हूं कि मुझे अपने लक्ष्य को पाने के लिए किस किस मार्ग से गुजरना है और कैसे क्या करना है और मैं ये जान पाई हूँ कि मुझे अगर शिक्षा के मार्ग से ही जुड़े रहना है तो मैं शिक्षक बनने के अलावा ओर भी अलग अलग चीज़ें कर सकती हूं । 
अपनी कक्षा में बच्चों से सवाल-जवाब करती तानिया|


2 साल गुज़र गए है इसके बाद मैं ये चाहती हूं कि मैं एक अच्छे कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करूँ और जिस तरह मैं i-Saksham से सीखी हूँ या मेरा जो अनुभव रहा है जिस जिस तरह से मेरी मदद की गई थी या की जा रही है मैं भी सब की मदद करूँ जैसे - बच्चों को पढ़ाने में और उनके खुद के पढ़ने को लेकर समस्याओं में इत्यादि ।

i-Saksham के साथ मेरा 2 साल गुज़र चुका है| मेरे लिए सबसे यादगार पल या मजेदार पल, इस साल का और पिछले साल का i-Saksham का foundation day रहा है| ये पल मेरे लिए वो पल है जिसमे मैं अपने जीवन मे सबसे ज्यादा खुश हुई थी| मुझे या हम लोगों के साथ जितने भी साथी थे उनको इतनी इज़्ज़त दी जा रही थी कि जितना बयाँ करूँ उतना कम है| इतने बड़े बड़े लोग, जो इतने पढ़े लिखे है वो मुझे इतने सम्मान दे रहे थे की मुझे यकीन नहीं हो रहा था| दूसरा यादगार पल तब का है जब फ़ेलोशिप लॉन्च हुआ था|उसमें मैंने स्टेज पर गीत गाया था और भाषण भी दी थी| उस समय मुझे बहुत अच्छा लग रहा था कि मैं इतने सारे लोगो के सामने कुछ बोल रही हूं और लोग मेरी बात सुन रहे थे और उन्हें अच्छा भी लग रहा था । तीसरी यादगार पल मेरी सारी ट्रेनिंग है जो मैंने i -Saksham से लिया कोई भी ट्रेनिंग में मुझे ऐसा नही लगा कि जिसमे मैं बोर हुई या फिर मुझे अच्छा नही लगा सभी में मुझे बहुत अच्छा लगा था बहुत enjoy भी मैंने किया l 

मैं आज i-Saksham के उन सभी लोगो को तहे दिल से धन्यवाद कहना चाहूँगी जिन्होंने मुझे इतने सारी चीज़ों को सिखाया मुझे इतनी खुशी दी और मेरी हमेशा मदद की और जो आज भी कर रहे है और शायद आगे करेंगे भी । 😊

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