हर गांव की गलियों में कुछ चेहरे ऐसे होते हैं
जो चुपचाप अपनी राह बनाते हैं —
न कोई शोर, न कोई शिकायत।
लेकिन उनके कदम इतने मजबूत होते हैं कि पीछे आने वालों को रास्ता साफ दिखने लगता है।
हमारे फरदा गांव की ऐसी ही एक शख्सियत हैं — प्रेरणा कुमारी।
एक आम-सी लड़की, जो एक छोटे से गांव से निकल कर आई थी,
जिसने दुनिया को वैसा ही देखा था जैसा उसके घरवालों ने दिखाया था।
जो चुपचाप अपनी राह बनाते हैं —
न कोई शोर, न कोई शिकायत।
लेकिन उनके कदम इतने मजबूत होते हैं कि पीछे आने वालों को रास्ता साफ दिखने लगता है।
हमारे फरदा गांव की ऐसी ही एक शख्सियत हैं — प्रेरणा कुमारी।
एक आम-सी लड़की, जो एक छोटे से गांव से निकल कर आई थी,
जिसने दुनिया को वैसा ही देखा था जैसा उसके घरवालों ने दिखाया था।
उसकी सोच की सीमाएं भी वहीं तक थीं, जहां तक उसने अपने घर के आंगन से झांका था।
मगर आज प्रेरणा वहां है, जहां वो अकेले ही 60 से ज़्यादा बच्चों को अपने शिक्षण केंद्र में उनके हुनर और आत्मविश्वास के लिए तैयार कर रही हैं।
जब मैं पहली बार उनके लर्निंग सेंटर पहुंची, तो मन में एक साधारण-सी छवि थी —
सोचा था, एक छोटा-सा कमरा होगा, कुछ कुर्सियाँ होंगी, और कुछ बच्चे पढ़ते मिलेंगे।
लेकिन जो वहां देखा... वो दिल को छू गया।
वो सिर्फ एक क्लासरूम नहीं था —
वो एक ऐसी जगह थी, जहां हर बच्चा खुलकर सोच रहा था,
अपने मन की कह रहा था, और
जहां एक लड़की — प्रेरणा — चुपचाप हर दिल को छू रही थी।
वो सिर्फ एक क्लासरूम नहीं था —
वो एक ऐसी जगह थी, जहां हर बच्चा खुलकर सोच रहा था,
अपने मन की कह रहा था, और
जहां एक लड़की — प्रेरणा — चुपचाप हर दिल को छू रही थी।
आज प्रेरणा कुमारी, FEA (Freedom Employability Academy) संस्था के साथ मिलकर फरदा गांव में एक शिक्षण केंद्र चला रही हैं। यहां केवल अंग्रेज़ी बोलना नहीं सिखाया जाता, बल्कि ये सिखाया जाता है कि खुद पर भरोसा कैसे किया जाए, और दुनिया के सामने खड़े होकर अपने हक की बात कैसे कही जाए। प्रेरणा हर बच्चे के भीतर कुछ खास देखती हैं — और उसी हुनर को निखारने में जी-जान लगा देती हैं।
प्रेरणा से मिलकर मुझे महसूस हुआ कि असली बदलाव भाषणों से नहीं, बल्कि अपने काम से आता है।
उनकी हर छोटी कोशिश, हर एक शब्द गांव के युवाओं में आत्मविश्वास जगाता है।
अब लड़कियां खुलकर सपने देखती हैं, और लड़के अपने भविष्य को लेकर जागरूक होते जा रहे हैं —
क्योंकि किसी ने उन्हें दिखा दिया है कि ये सच में मुमकिन है।
उनकी हर छोटी कोशिश, हर एक शब्द गांव के युवाओं में आत्मविश्वास जगाता है।
अब लड़कियां खुलकर सपने देखती हैं, और लड़के अपने भविष्य को लेकर जागरूक होते जा रहे हैं —
क्योंकि किसी ने उन्हें दिखा दिया है कि ये सच में मुमकिन है।
वो हमारे गांव की वह पहली लड़की हैं, जिसने हिम्मत जुटाई, अपनी राह बनाई —
और आज उसी राह पर कई और कदम बढ़ाने लगे हैं।
प्रेरणा की तरह, फरदा गांव की कई महिलाएं और लड़कियां भी अब आगे बढ़ रही हैं।हमें पूरा विश्वास है कि ये बदलाव हमारे समाज के लिए एक नया सूरज लेकर आएगा —
जो हर अंधेरे को दूर करेगा, और नई रोशनी बिखेरेगा।
प्रेरणा कुमारी
जिला- मुंगेर
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