Saturday, September 14, 2019

सीखते कैसे है ? - रोहित

हम सीखते कैसे है ? - रोहित 

 नमस्कार दोस्तों ,
              आज  मैं  आपलोगों के बिच  कुछ  बाते साझा करने जा रहा , जो हमारा आज का सेशन रहा
हम समय पे ऑफिस पहुँच गये थे ! बाहर से ही मैंने श्रवण सर का आवाज सुन लिया था ! वे कुछ अंग्रेजी के sentences  के बारे में बता रहे थे , पैदल आते आते हमारी   energy low हो गई थी ! लेकिन जैसे जैसे ही ऑफिस गये फिर उर्जा खुद व खुद आ गई , पहले ही पता चल रहा था आज कुछ मजेदार होने वाला है ! मैडिटेशन के बाद   हम  लोग बारी – बारी से   PTM  का  अनुभव  शेयर किये ! उसके बाद हमलोग तीन – तीन के ग्रुप में अलग होकर  अंग्रेजी के कोई एक टॉपिक को लेकर उसपर बोलना था , और बाकि दो को लिखना था इस तरह से हम सब ने कोई एक ऑब्जेक्ट को लेकर बोलना शुरू किया और लिखने का भी अभ्यास किया इससे हम बहुत सारे sentences में हो रही गलतियों को सुधारने और sentence को सही से बनाने में मदद हो रही है !  फिर बारी आई की   शिक्षा क्या है ?  हमलोगों को दो white चार्ट पेपर दिया गया ! उसमे हम सब ने अपने – अपने मत के अनुसार सिक्षा क्या है वो लिखा !
अचानक से फिर श्रवण सर एक  question किये की कोई ऐसी तीन काम बताये जो आपने सुबह से लेकर अभी तक किये हों ! हमारा मन में चल रहा था की शायद ये भी कुछ अंग्रेजी से ही related होगा ! लेकिन जैसे इसके बारे में बाते बढ़ते गया वो और भी मजेदार होते गया ! कुछ लोगों ने उन कामो के बारे में बताया ! सर कार्यो में  उस कार्य  को चुने जो एक जानवर भी करते है , जैसे नहाना  फिर उन्होंने कई सवालों के साथ बताना शुरू किये ........
आज  से  कई हजार वर्ष पहले हम जब हमारे पूर्वज वनमानुष  होंगे तो कैसे नहाते होंगे ?, क्या चीज से नहाते होंगे ?! सभी ने अपना अपना राय बताया की  किसी ने कहा ‘’ तालाब में नहाते होंगे , किसी ने कहा नही नहाते होंगे, किसी ने कहा उछल –उछल कर नहाते होंगे किसी ने बताया जब उसे गर्मी लगता होगा तब नहाते होंगे  , किसी ने कहा’’, मिटटी लगाकर नहाते होंगे तो किसी ने कहा ऐसे ही नहाते होंगे !  हम सब अतीत में खोये थे , सभी के चहरे पे हंसी थी , बड़े ही मजे से हमलोग एक कहानी के जैसा सुन रहे थे , हम में से कई न वनमानुस के नहाने का एक्टिंग भी किया जो बहुत ही मजेदार था !
सर का दूसरा सवाल था ‘’ अब हम कैसे नाहते है ?  , किन चीजो से नहाते है ! सभी ने बतया , की साबुन से नहाते है , सेम्पू से नहाते है टब में   नहाते हैं , बाथ रूम में नहाते हैं , swimming में नहाते है , और कई सारे चीजो से नहाते है !
 सर ने कोई एक जानवर का उदहारण दिया की  गधा  कैसे नहाता है ?   क्या हमारे जैसा उसमे भी बदलाव आया  या नही  ? ..सभी का जवाब था  नही बिलकुल नही .. लेकिन ऐसा क्यों हम क्यों बदलते गये और जानवर आज भी वैसे के वैसे  है !
जवाब था हमने  सिखा और बदला  !   जैसे-  जैसे  हम सीखते गये समय के साथ बदलते गये !
आखिर ये सब कैसे हुआ आज हम इतना कैसे बदल गये हैं ? .. सभी ने इस तरह से बताया .. अचानक से कुछ हुआ होगा जिससे वो समझ गये की ऐसा  करने से ऐसा होगा जैसे अचानक से पत्थर में पत्थर टकराने से आग लग जाना , किसी ने खा खुद से कर कर के देखा , किसी ने बताया देख कर सिखा , किसी ने कहा ‘’ उसे कोई सिखाया होगा !
आब बात थी हम सीखते कैसे है ? ... देखकर ,खुद से  अनुभव करके  या कोई सिखाया ! इसमें सिखने का सबसे अहम हिस्सा क्या होती , वो है सिखाना सर ने बात को क्लियर किया की अधिकतर चीजे हमें सिखाई जाती है , हर चीज को हम खुद से अनुभव कर के नहीं सिख सकते है ? जैसे :- न्यूटन उनके सीर पर जब सेव गिरा तो उन्होंने गुरुत्वाकर्षण बल की खोज कर डाली अपने अनुभव से सारी चीजो को खोज निकाला , हमने इसे कहाँ से जाना .विद्यालय से किताब से पढ़ के या अपने अनुभव से ..........?
हम सब भी जब  जब बच्चों को सिखाते है तो वे सीखते हैं , कहीं न कही हम हर चीज को दुसरो के देखकर या बताने के बाद अनुभव करके के सीखते हैं !
बहुत ही मजेदार रहा आज का सेशन हँसते – हँसते  हमने बहुत कुछ सिखा ! हम अगली बार शिक्षा क्या है इसके बारे में जानने के लिए फिर से उत्सुक हैं !                          
                                                                     ,,,धन्यवाद ,,,

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