फोटो क्रेडिट- आई सक्षम |
बैच-9 की एडुलीडर शालू ने अपना अनुभव साझा किया है। उन्होंने लिखा है-
"आज मैं आप सबके साथ अपने क्लास रूम का अनुभव साझा करने जा रही हूं। दोस्तों आज जब मैं क्लास गई तो मुझे बहुत सारे नये नये चेहरे देखने को मिले फिर हेडमास्टर सर ने बताया कि ये सब दूसरी कक्षा के बच्चे हैं, जो कि अब तीसरी कक्षा में आ गए हैं। इसके बाद मैंने बच्चों का अपने क्लास रूम में स्वागत किया और सबका हाल समाचार पूछा।"
मेडिटेशन करने की खुशी
इसके बाद मैंने बच्चों को मेडिटेशन करने के लिए कहा तो दूसरी कक्षा के ही सत्यम कुमार और सोनू कुमार ने खुद से आगे आकर कहा, “मिस, हम मेडिटेशन करवाएंगे।” मैंने बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए हामि भर दी और सभी बच्चों ने अच्छे से मेडिटेशन किया। उसके बाद मैंने अपना परिचय दिया और सभी बच्चों के बारे में भी जाना। बच्चों ने अपना नाम और पता बताया फिर सभी बच्चों को मैंने वर्ण लिखने के लिए कहा कि आप जितना तक जानते हैं, उतना लिख कर दिखाइए।
लगभग सभी बच्चों ने बहुत अच्छी लिखावट के साथ लिख कर दिखाया। इसके बाद मैंने बच्चों को ब्लैकबोर्ड पर पढ़ाया और उससे आगे के पाठ की जानकारी दी। बच्चे बहुत ही खुश दिख रहे थे। बच्चे भी मुझसे अनेक सवाल जबाव कर रहे थे, फिर चिंता दी ने बच्चों को बालगीत से जोड़ते हुए अंग्रेजी के अक्षर बताने लगी, तब तक मैं बच्चों की कॉपी चेक करने लगी।
बच्चों ने सीखे अंग्रेजी के शब्द
इसके बाद चिंता दी ने ब्लैकबोर्ड पर A B C D को लिख कर सीखाया। उस दिन बच्चों ने केपिटल और स्मॉल अक्षरों को सीखा। चिंता दी और मैं आज एक ही क्लास रूम में पढ़ाए क्योंकि चिंता दी के क्लास रूम की साफ सफाई चल रही थी इसलिए हेडमास्टर सर ने कहा, आज आप दोनों एक ही क्लास रूम में बच्चों को बैठा कर पढ़ा लीजिये। आज बच्चे बहुत ही ज्यादा थे तो सर ने पांचवी कक्षा के बच्चों को ऑफिस में ही बैठा दिया।
राकेश और दीपक सर ने आज के क्लास को अटैंड करने में हम दोनों की बहुत सहायता की और इसके लिए हमने सर का धन्यवाद भी अदा किया। आज सभी छोटे-छोटे बच्चों ने हम सबको बालगीत और गाना भी सुनाया। आज हम दोनों को ही क्लास में बहुत ही अच्छा लग रहा था।
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