प्रतीकात्मक तस्वीर |
एडुलीडर्स के लिए गांव-गांव जाकर सर्वे करना और जानकारी प्राप्त करना मुश्किल काम है क्योंकि निजी जानकारी को लेकर लोग अब काफी सुरक्षित हो गए हैं। यही कारण है कि वे अपनी जानकारी देने से कतराते हैं लेकिन जब एडुलीडर्स उन्हें समझाते हैं, तब कई बार बात बन जाती है लेकिन अधिकांश समय ऐसा भी होता है, जब बात बिगड़ जाती है और संभालना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। हमारे एडुलीडर आदिल खान ने भी सर्वे के दौरान चुनौती का सामना किया। पढ़िए उनकी कलम से-
मेरा नाम आदिल खान है। मैं जमुई जिले का रहने वाला हूं। मैं आप लोगों के साथ अपने साथ घटित हुई एक परेशानी साझा करना चाहता हूं।
आज मैं चादलाही गांव सर्वे करने गया था। जब मैं सर्वे कर रहा था, तब सर्वे के दौरान ही चार घरों के बाद जब मैं पांचवें घर में सर्वे करने गया, तो वहां अचानक से 20 लोग आ गए। वे सभी लोग मुझसे अनेक सवाल करने लगे और मुझसे पूछने लगे, “आप क्या कर रहे हैं?” जब मैंने उन्हें बताया कि मैं गांव में बच्चों की शिक्षा की स्थिति का जायजा लेना चाहता हूं कि बच्चे स्कूल में नामांकित हैं या नहीं और यही कारण है कि मैं सर्वे कर रहा हूं।
लोगों ने जुटाया मीडिया को
मेरे इतना बताने पर भी वे संतुष्ट नहीं दिखाई दिए इसलिए मैंने उन्हें फिर समझाया कि मैं 3 से 14 साल के बच्चों का सर्वे कर रहा हूं कि वे पढ़ाई करते हैं या नहीं, अगर पढ़ाई करते हैं, तो स्कूल पढ़ने जाते हैं या नहीं लेकिन मौजूद जितने लोग थे उन्हें मेरी बातों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था।
इसके बाद जब मैंने आई सक्षम का पत्र दिखाने की कोशिश की तो उन्होंने पत्र देखने से इंकार कर दिया और देखते ही देखते स्थानीय स्तर के मीडिया वालों को बुला लिया। मीडिया वाले उसी गांव के ही थे और जब मीडिया वाले आए तब वे भी मुझसे सवाल करने लगे। वे हर बार सवालों को घुमा-फिरा करके नए नए सवाल पूछने लगे लेकिन मैंने हर सवाल का जवाब आत्मविश्वास के साथ और सही सही से देते गया।
मांगा गया मेरा आईडी कार्ड
इसके बाद मीडिया वालों ने मेरी आईडी कार्ड ले ली और आईडी कार्ड का फोटो लेकर एक खबर तैयार करने के बाद वहां से चले गए। मीडिया वालों के जाने के बाद मैंने फिर से उसी घर से सर्वे करना शुरु कर दिया। मुझे लगा कि अब लोग मुझ पर भरोसा करेंगे।
मैंने कहा, “अब तो यकीन हो गया है ना कि मैं गलत नहीं हूं और मैं शिक्षा के प्रति लोगों की जागरुकता का जायजा लेने आया हूं। अब तो आप मुझे अपना डाटा दे सकते हैं मतलब जानकारी दे सकते हैं। मेरे इतना कहने के बाद उस घर के सज्जन ने कहा, हां अब मैं आपको अपना डाटा दे सकता हूं क्योंकि अगर आप गलत भी हैं, तो आपकी जानकारी अब हमारे पास आ गई है।”
हमने ठाना नहीं जाएंगे वापस
उनके इतना कहने के बाद मैंने फिर से अपना काम शुरु किया। मेरे साथ मेरे साथी मोहमद आदिल खान भी थे। हम दोनों ने सर्वे समाप्त किया। हम लोगों ने इस गांव का सर्वे पूरा कर दिया लेकिन हम लोग तुरंत उस गांव से जाने के मूड में नहीं थे क्योंकि अगर हम दोनों अभी चले गए तो लोगों की सोच बन जाएगी कि हम किसी खास मकसद से ही आए थे इसलिए हमने दोबारा से एक बार परीक्षण करने का सोचा कि अगर कोई घर छूट गया हो, तो उसका भी सर्वे कर लेंगे।
अंतः हमने पूरा गांव घूमा और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि सर्वे पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि गांव के लोग हमें सच्चा समझेंगे। देखा जाए, तो अगर राह सही हो, तो डरने की जरुरत नहीं है बल्कि हर एक परिस्थिति का सामना करना चाहिए।
किसे ने क्या सच ही कहा है -
दर्पण झूठ बोलने नहीं देगा,
ज्ञान भयभीत होने नहीं देगा,
सत्य कमजोर होने नहीं देगा,
विश्वास दुखी होने नहीं देगा इसलिए हमेशा अपना आत्मविश्वास बनाए रखना चाहिए।
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