यह कहानी इस बात को बेहतरीन उदाहरण है की शिक्षक केवल किताबों तक सिमित नहीं होते, बल्कि वे समाज के हर उम्र और वर्ग के व्यक्ति की मदद ले सकते हैं। आरती दीदी ने जिस तरह से एक जागरुकतमंद महिला की मदद की ओर उसे आत्मनिर्भर बनाया, वह शिक्षा के वास्तविक उदेश्य को दर्शाता है। शिक्षा न केवल ज्ञान देना है, बल्कि आत्मविश्वास और आत्मनिर्भर का निर्माण करना भी है।
आरती दीदी ने उस महिला को न कवक जीवन की नई दिशा दी, बल्कि यह भी सिखाया की किसी भी उम्र में सिखने की प्रकिया समाप्त नहीं होती। यह प्रयास दिखाता है की शिक्षा का दायरा केवल बच्चो तक सिमित नहीं हैं, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में व्याप्त है।
इस प्रयास से यह भी समझ आता है की एक छोटी सी मदद किसी के जीवन को सकारात्मक दिशा दे सकती है। आरती दीदी की यह प्रेरक कहानी हमें यद् दिलाती है की समाज में शिक्षक सिर्फ कक्षा तक ही सिमित नहीं रहती, बल्कि वे बदलाव लाने मार्गदर्शक भी होती हैं।
इस तरह के प्रयास हमें प्रेरणा देते हैं की हर व्यक्ति के पास समाज में बदलाव लाने की क्षमता होती है, बस जरूरत है हौसले और सही दृष्टिकोण की।
मौसम कुमारी
बडी, मुजफ्फरपुर
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