Friday, January 31, 2025

“हर मुश्किल के बाद सफलता की नई शुरुआत”

साक्षी मुंगेर जिले के एक छोटे से गांव (फरदा) की लड़की है, जिसका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। पिताजी ईंट-भट्टे में मजदूरी करते थे, लेकिन काम बंद हो जाने के कारण उन्हें परदेस (जयपुर) जाना पड़ा। शुरुआत में उन्होंने घर पैसे भेजे, जिससे परिवार का खर्च चलने लगा। लेकिन धीरे-धीरे फैक्ट्री मालिक ने उनका शोषण करना शुरू कर दिया, और उनका परिवार से संपर्क टूट गया।
माँ ने बच्चों के साथ मायके जाकर खेतों में काम किया और कठिन परिस्थितियों का सामना किया। इस बीच एक पुजारी की भविष्यवाणी के बाद साक्षी के पिताजी घर लौट आए, जिससे परिवार फिर से एकजुट हो गया।

लेकिन जीवन की परीक्षाएँ यहीं खत्म नहीं हुईं। साक्षी की बहन सिमरन की बीमारी से मौत हो गई, और पिताजी का दुर्घटना में गंभीर चोट लगने से कामकाज ठप हो गया। इन कठिनाइयों ने साक्षी को प्रेरित किया कि वह अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाए।

साक्षी ने पढ़ाई जारी रखी और संघर्ष करते हुए i-सक्षम जैसे संगठन से जुड़कर अपने जीवन में बदलाव लाने की कोशिश की।

यह कहानी हमें सिखाती है कि कठिन परिस्थितियों में भी परिवार की एकजुटता, संघर्ष और कभी हार न मानने का साहस सफलता की कुंजी है। जीवन में चाहे कितनी भी मुश्किलें आएँ, हौसला और मेहनत से उन्हें पार किया जा सकता है।

साक्षी कुमारी
बैच-11
मुंगेर

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