आज मैं आप लोगों के साथ i-सक्षम में जुड़ने के बाद खुद में आए बदलाव को साझा करने वाली हूँ। i -सक्षम से जुड़े मुझे छह महीने होने वाले हैं, इस बीच मैंने खुद में कई नए बदलावों को महसूस किया।
बहार जाने का आत्मविश्वास
i-सक्षम से जुड़ने से पहले हम घर से बाहर बहुत कम जाते थे। अकेले बाहर जाने में डर सा लगता था। कि लोग क्या सोचेंगे। अगर कुछ सामान लाना होता तो मैं अपने पति से या घर के किसी अन्य सदस्य से बोलती थी। क्योंकि हमें घर से बाहर निकलने में भीड़ और भरी सड़कों को पार करने में हिचकिचाहट सी होती थी। लेकिन अब हम घर के बाहर के अपने काम को खुद ही जाकर कर निपटाने लगी हूँ।
सपनो की पहचान की यात्रा
पहले मुझे लगता था की घर और बच्चा ही जीवन के केंद्रे हैं। लेकिन जब मै i-सक्षम से जुडी, तो मुझे एहसास हुआ की खुद के भी सपना होते हैं। जिन्हें पूरा कर सकते हैं।
आत्मविश्वास और बातचीत में सुधार
मुझे लोगों से बात करने में हिचकिचाहट होती और डर लगता था। बातचीत के दौरान मेरा आई कांटेक्ट (Eye Contact) नहीं हो पता था। जिससे मै अपनी बात बेहतर तरीके से नहीं रख पाती थी। लेकिन अब यह डर काफी हद तक कम हो गया है।
शिक्षा के लिए वॉइस एंड चॉइस का उपयोग
मैंने अपने आगे की पढाई के लिए अपने वॉइस एंड चॉइस का उपयोग किया। मैंने अपने पति से बिना हिचकिचाहट के कहा मुझे आगे पढाई करना है। मुझे कंप्यूटर सिखने का बहुत मन था, लेकिन मेरे पति कहते थे, “तुम क्या करोगी सीखकर?” जब मुझे क्लस्टर में प्राइम बुक मिला, तो मै बहुत खुश हुई। मैंने पति से कहा “देखिए, अब मै कंप्यूटर भी सिख सकती हूँ और अपने सपने को पूरा भी कर सकती हूँ।
क्लस्टर मीटिंग का अनुभव
जब मै पहली बार क्लस्टर मीटिंग में गई। तो मुझे आजादी का अनुभव हुआ। मुझे हर महीने के आखिरी गुरुवार का विश्ववारी इंतज़ार रहता है, क्युकी वहां की खुली हवाएं और ऊँचे-ऊँचे पहाड़ मुझे प्रेरणा देते हैं।
समाज के प्रति जागरूकता
क्लस्टर में सामिल होने के बाद मै यह सोचने लगी की हमारे समाज में क्या अच्छा हो रहा है और ऐसा क्या किया जाये जिससे लोग जागरूक हो सकें। अब मै अपने समाज के लिए बेहतर सोचने औए कदम उठाने में सक्षम हूँ।
निर्णय लेने की क्षमता
i-सक्षम से जुड़ने के बाद मेरे अंदर इतना बदलाव आए हैं की अब मै सही और गलत के बिच अंतर कर पाती हूँ,अपने जीवन से जुड़े सही निर्णय ले पाती हूँ, जो पहले नहीं कर पाती थी।
जुली कुमारी
बैच-11
जमुई
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