Friday, January 31, 2025

मेरा बदलाव और सफलता की यात्रा: खुशबू की कहानी

i-सक्षम से जुड़ने बाद मुझेमें बहुत बदलाव आया है। शुरुआत में मुझे बहुत चुनौतिया आई क्योंकि मै एक बहु हूँ और मेरे घर से निकलना भी नहीं होता था। लेकिन अब मैं समुदाय के हर वर्ग के अभिभावक से मिल रही हूँ और उनसे जुड़ पा रही हूँ। पहले बहुत डर लगता था कि लोग क्या बोलेंगे और अभिभवाक कैसी प्रतिक्रिया देंगे। लेकिन अब यह डर नहीं रहता क्योंकि मुझे लगता है की हर प्रतिक्रिया से कुछ सिखने को मिलेगा।

स्कूल में भी जब हेडमास्टर सर से बात करनी होती थी, तब डर लगता था। सोचती थी कि सर क्या कह देंगे और मैं क्या जवाब दूँगी। लेकिन अब यह डर खत्म हो गया है और मैं बेझिझक सर से बात कर पाती हूँ। अपने परिवार में भी अब मैं अपनी बात रख पाती हूँ। पहले जमुई जाना होता था तो बिना किसी घर के सदस्य के नहीं जा सकती थी। लेकिन अब अकेले जमुई जाना और लौट आना मेरे लिए सामान्य हो गया है, भले घर वाले सहमत न हों।

सेशन में भी अब अपनी बात रखने का आत्मविश्वास आ गया है। पहले डरती थी कि कहीं कुछ गलत न बोल दूँ, लेकिन अब यह सोचती हूँ कि गलती से भी कुछ नया सीखने को मिलेगा। अब मेरी पहचान मेरे पति के नाम से नहीं, बल्कि मेरी अपनी मेहनत से है। यह मेरे लिए गर्व की बात है।
मेरे काम के कारण समुदाय में मुझे साफ-सफाई के लिए सम्मान मिला। जब हमारे गाँव में 65वां पंचायत समारोह हुआ, तो मुझे वहाँ सम्मानित किया गया। यह मेरे जीवन का गर्वपूर्ण क्षण था।
मैं आई-सक्षम का धन्यवाद करती हूँ जिसने मुझे यह मौका दिया और मेरे जीवन में यह बदलाव लाया।

खुशबू 

बैच-11 

जमुई



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