एक छोटे से गाँव मुहमदपुर की i-सक्षम में बैच-10 की एडू-लीडर रंगीला हैं। जो खुद में और अपने समुदाय में सकारत्मक प्रभाव छोड़ रही है। उनका आत्मविश्वास बढ़ना, अपने आवाज को अपनाना और दूसरों के साथ स्नेहपूर्ण संबंध बनाना सच में एक बड़ी उपलब्धि है।
महिलाओं को जागरूक करने की पहल
रंगीला ने अपने समुदाय में जाकर महिलाओं को मासिक धर्म में स्वच्छता से जुड़ी जरूरी जानकारी प्रदान की।
उन्होंने लगभग 10 महिलाओं से मिलकर इस विषय पर गहरी बातचीत की। इसके अलावा, वह अपनी स्थानीय समुदाय की दो महिलाओं को हस्ताक्षर सिखाने में भी मदद की। यह उनको दृष्टिकोण को दर्शाता है जिसमें एक सशक्त लीडर केवल ज्ञान बांटने तक समित नहीं रहता, बल्कि अपने जीवन के संघर्ष और व्यक्तिगत गुणों से भी लोगों को प्रेरित करता है।चुनौतियों का सामना और प्रेरणा
रंगीला का अपने पहचान बनान और कठिनाइयों का सामना करते हुए आगे बढ़ना यह दिखता है की कैसे धैर्य, शांति और आत्मविश्वास के साथ किसी भी चुनौती को पर किया जा सकता है। उनको यह प्रयास से यह स्पष्ट होता है की शिक्षा और जागरूकता का दायरा सिर्फ व्यक्ति विशेष तक समित नहीं रहता, बल्कि यह समाज में व्यापक बदलाव लाने की क्षमता रखता है।
समुदाय में लीडरशिप की भूमिका
एक एडू लीडर का प्रभाव सिर्फ विद्यालय या कार्यक्षेत्र तक समित नहीं होती, बल्कि वह अपने समुदाय और परिवार में भी सकारत्मक परिवर्तन लाता है। रंगीला ने इस बात को पूरी तरह प्रमाणित किया है। उनको यह प्रयास न केवल प्रेरणादायक है बल्कि यह दिखता है की छोटे कदम भी बड़े बदलाव की नींव रख सकते हैं।
शिक्षा के प्रति दृढ़ संकल्प
रंगीला अपने गाँव की पहली लड़की हैं जो घर से बाहर जाकर पढाई करने की इच्छा रखती हैं। यह न केवल उनके लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने छपरा के अखंड ज्योति आँख अस्पताल के त्योहार में भी भाग ले कर अपनी सहभागिता दिखाई।
अंतर्मन से नेतृत्व की सीख
उनकी कहानी यह सिखाती है कि जब कोई व्यक्ति अपने आत्मविश्वास और जुनून के साथ आगे बढ़ता है, तो वह न केवल अपने जीवन में बदलाव लाता है बल्कि अपने आसपास के समाज को भी प्रेरित करता है। रंगीला जैसे लोग यह सिद्ध करते हैं कि सच्चा नेतृत्व दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने से परिभाषित होता है।
राधा, बड़ी
मुजफ्फरपुर
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