Tuesday, June 3, 2025

आत्मविश्वास और हिम्मत

8 मार्च को गॉव (भाटचक) में आयोजित पैदल यात्रा इवेंट में मैंने अभिभावकों और ग्रामीणों को शामिल करने के लिए घर-घर जाकर निमंत्रण दिया। मुझे लगता था कि लोग नहीं आएंगे, लेकिन मैंने जिम्मेदारी को पूरा करने का फैसला किया। एक अभिभावक के घर पर, जो बीड़ी बना रहे थे, मैंने उन्हें समझाया कि महिला दिवस पर एक साथ मिलकर अपनी आवाज उठाने से ही
हमें पहचाना जाएगा। वे मेरी बात से सहमत हुए और इवेंट में शामिल हुए।

18 मार्च को गांव (सरारी) में आयोजित नुक्कड़ नाटक इवेंट में मैंने पहली बार एंकरिंग की। मुझे डर था कि मैं इतने लोगों के बीच बोल पाऊंगी या नहीं। लेकिन मेरी बड़ी स्नेहा दी ने मुझे हिम्मत दी और मैं इवेंट में सफलतापूर्वक बोली। इवेंट के बाद, एक महिला ने मुझे रोककर तारीफ की और कहा कि मैंने बहुत अच्छा बोला। मुझे खुद पर गर्व हुआ कि मेरे बोलने के कारण मुझे पहचाना गया।


फाउंडेशन डे में मैंने नाटक में भाग लिया और एक बेटी का रोल किया। मुझे पहले लगता था कि मैं नहीं कर पाऊंगी, लेकिन ड्रामा ग्रुप के सदस्यों ने मुझे हिम्मत दी। मैंने घर पर प्रैक्टिस की और फाउंडेशन डे के दिन अपना पूरा बेस्ट देने की कोशिश की। मैं उतने लोगों के बीच बोल सकी और अपने डर को दूर किया।

इन अनुभवों से मैंने सीखा कि डर को दूर करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हिम्मत और प्रयास की आवश्यकता होती है। मैं अपनी बड़ी स्नेहा दी, जूली दी, खुशबू दी और अन्य साथियों को धन्यवाद देती हूं जिन्होंने मुझे हिम्मत दी और समर्थन किया।


रिया 
बैच 11 
जमुई 


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