Friday, October 10, 2025

बोलना है, तो मुखिया या सरपंच के पास जाओ

 “आपको बोलना है, तो मुखिया के पास जाइए, सरपंच के पास जाइए!”

यह जवाब हमें उस दिन आंगनवाड़ी की सेविका से मिला, जब हम उनसे उस जगह की गंदगी और टूटी-फूटी हालत पर बात करने गए थे। मेरा नाम नाजनी खातून है और मैं i-Saksham की एक एडू-लीडर हूँ। 

बानपुर गाँव का वह आंगनवाड़ी केंद्र देखने में तो बहुत सुंदर था, लेकिन असल में वह कचरे का ढेर बन चुका था। खिड़कियाँ टूटी थीं, दरवाजों पर ताले नहीं थे, और एक टूटी हुई दीवार के पास एक खतरनाक गड्ढा था, जिसमें बच्चे अक्सर गिर जाते थे। हम कई महीनों से वहीं सेशन ले रहे थे, हर बार खुद सफाई करते और हर बार सोचते कि किसी से बात करेंगे, पर हिम्मत नहीं होती थी।

23 अगस्त 2025 को जब हम वहाँ पहुँचे, तो गंदगी इतनी ज़्यादा थी कि हमसे बर्दाश्त नहीं हुआ। हमने तय किया कि अब हम चुप नहीं रहेंगे, और हम सीधे वहाँ की सेविका से बात करने चले गए।

शुरुआत में वह हमसे डर गईं, उन्हें लगा कि हम किसी जांच टीम से आए हैं। जब हमने उनसे आंगनवाड़ी की हालत पर सवाल किया, तो उन्होंने सारी ज़िम्मेदारी मुखिया और सरपंच पर डालकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की।

यह हमारे नेतृत्व की असली परीक्षा थी। हमने बहुत शांत होकर उन्हें समझाया कि हम आपकी शिकायत करने नहीं, बल्कि यह याद दिलाने आए हैं कि अगर यह आंगनवाड़ी आपकी ज़िम्मेदारी है, तो इसे बेहतर बनाना भी आपका ही काम है। हमने उनसे अपील की कि वे पंचायत से बात करके काम दोबारा शुरू करवाएं। उस दिन हमें सेशन कहीं और लेना पड़ा, और मन में यह सवाल था कि क्या हमारी बातों का कोई असर होगा भी या नहीं।

लगभग 20 दिन बाद, 11 सितंबर को हम फिर से सेशन लेने उसी गाँव पहुँचे। तभी सेविका का बेटा हमारे पास आया और बोला, “दीदी, अब आप आंगनवाड़ी में ही सेशन करिए, वहाँ सारा काम पूरा हो गया है।”

जब हमने आंगनवाड़ी की ओर देखा, तो हमारी आँखें खुशी से चमक उठीं। अब वहाँ नई खिड़कियाँ थीं, दरवाजों पर ताले थे, टूटी दीवार ठीक हो चुकी थी और अंदर सब कुछ साफ़ था।

उस दिन हमें लगा जैसे हमने सिर्फ एक आंगनवाड़ी नहीं, बल्कि अपनी आवाज़ की ताकत को पा लिया है। यह एक छोटा-सा बदलाव था, लेकिन इसने हमें सिखाया कि अगर हम सही मुद्दे पर हिम्मत से बोलना सीख जाएं, तो बदलाव लाना मुश्किल नहीं है।





लेखिका के बारे में:

  • नाम: नाजनी खातून

  • परिचय: नाजनी बानपुर गाँव, जमुई की रहने वाली हैं और i-Saksham में एक एडू-लीडर के रूप में काम कर रही हैं। नाजनी अभी उर्दू से स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं।

  • i-सक्षम से जुड़ाव: नाजनी वर्ष 2024 में i-Saksham के बैच-11 की एडू-लीडर के रूप में जुड़ी हैं।

  • लक्ष्य: नाजनी का सपना है कि वह स्नातक की पढ़ाई पूरी करके सरकारी नौकरी करें।

No comments:

Post a Comment