Friday, October 17, 2025

“मैं इतने सारे फॉर्म अकेले कैसे भरूँगी?”

 

यह डर मेरे मन में तब आया, जब हमारे क्लस्टर में यह लक्ष्य तय हुआ कि हर एडू-लीडर अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी फेलोशिप के लिए कम-से-कम 10 लड़कियों का फॉर्म भरवाएगी। मेरा नाम पल्लवी है और मैं i-Saksham की एक एडू-लीडर हूँ।

समस्या यह नहीं थी कि लड़कियाँ नहीं थीं; समस्या यह थी कि उन तक जानकारी पहुँचाना और फिर उनके फॉर्म भरने की प्रक्रिया पूरी करना, यह सब मुझे बहुत मुश्किल लग रहा था। मैं खुद इस प्रक्रिया को ठीक से नहीं जानती थी।

लेकिन यह मेरे नेतृत्व की पहली परीक्षा थी। मैंने डरने के बजाय, अपने किशोरी सत्र को इस जानकारी का केंद्र बनाया और लड़कियों से कहा कि वे अपने आस-पास की योग्य लड़कियों तक यह बात पहुँचाएं। जल्द ही, मेरी एक किशोरी प्रिया के माध्यम से मुझे तीन लड़कियाँ मिलीं।

इसके बाद, मैंने अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करना शुरू किया और पास के गाँवों में उन महिलाओं से संपर्क किया जो मेरी मदद कर सकती थीं। फोन कॉल्स और होम विज़िट के ज़रिए, मेरे पास 7 लड़कियों की सूची तैयार हो गई। लेकिन मेरा डर बढ़ता जा रहा था।


मैंने मदद माँगने में झिझक नहीं दिखाई और अपनी बडी से अपनी समस्या साझा की। उन्होंने मुझे समझाया कि मैं अकेली नहीं हूँ; हम सब मिलकर एक कैंप लगा सकते हैं। यह सुनकर मेरा डर आत्मविश्वास में बदल गया। अब मेरा लक्ष्य सिर्फ 10 फॉर्म भरवाना नहीं, बल्कि ज़्यादा-से-ज़्यादा लड़कियों तक यह मौका पहुँचाना था। मैंने सोशल मीडिया को जागरूकता फैलाने का एक साधन बनाया और आस-पास के गाँवों में भी लोगों तक यह जानकारी पहुँचाई। 

20 सितंबर 2025 को हमारे गाँव में कैंप लगा। उस दिन मेरी साथी एडू-लीडर्स, बडी और i-Saksham की टीम, सभी मेरी मदद के लिए मौजूद थे। सबने मिलकर फॉर्म भरना शुरू किया। मैंने भी वहीं पर फॉर्म भरना सीखा और जल्द ही मैं खुद दूसरों की मदद करने लगी। 


उस दिन हमने मिलकर 13 लड़कियों का फॉर्म सफलतापूर्वक भरा। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं था; यह मेरे डर पर मेरी जीत थी। मैंने न सिर्फ अपना लक्ष्य पूरा किया, बल्कि यह भी सीखा कि 
नेतृत्व सब कुछ अकेले करने का नाम नहीं, बल्कि सही दिशा में पहला कदम उठाने और सबको साथ जोड़ने का नाम है। 


लेखिका के बारे में:

  • नाम: पल्लवी कुमारी

  • परिचय: पल्लवी गाँव पूर्णामांगोबंदर, जमुई की रहने वाली हैं और i-Saksham बैच-12 की एडू-लीडर हैं।

  • i-Saksham से जुड़ाव: वह वर्ष 2025 में i-Saksham से जुड़ीं।

  • लक्ष्य: वह भविष्य में एक शिक्षिका बनना चाहती हैं।

No comments:

Post a Comment