जब हमनें एडुलीडर के साथ क्रिया शोध पर प्रेजेंटेशन रखी तो डिब्रीफ में निकल के आया कि उन्होंने इस प्रक्रिया को किस-किस तरह से किया है।
ध्यान देनें योग्य बिंदु:
- अपनी गाँव की शिक्षा स्थिति का एक नक्शा बनाएं।
- अपनी गाँव में मौजूद अलग-अलग टोलों और इसमें बसावट को दिखाएँ।
- हर टोले में कितने और कौन-कौन से आंगनवाड़ी,विद्यालय,कोचिंग केंद्र है दिखाएँ।
- हर टोले में इन शिक्षा केन्द्रों की पहुँच और गुणवत्ता पर चर्चा करें।
- गाँव से नजदीकी विद्यालय या कॉलेज कितनी दूर है इस पर चर्चा करें।
- प्रत्येक टोले से कम से कम पाँच-दस अभिभावकों से बात करें कि उनके अनुसार लड़कियों की शिक्षा और विवाह को लेकर उनकी सोच क्या है ?
- देखें कि क्या यह टोलों के अनुसार, जवाब देने वाले (पुरुष/महिला) के अनुसार बदल रहा है ?
(एडु-लीडर अपने अपने गाँव के नक़्शे के साथ)
एडु-लीडर के शब्दों में-
अंशु: जब मुझे यह प्रोजेक्ट मिला तो मुझे पता नही था कैसे बनाएंगे क्योंकि मैंने कभी भी अपने गाँव में बारे में इतनी सारी चीजें पता नहीं की हैं। मैंने जब यह बात अपने बाबा को बताई तो बाबा ने मुझे गाँव का नक्शा निकाल के दिया। मुझे पुराने जमाने के नक्शे से भी कुछ समझ नहीं आया फिर मैंने वापस से मैं बाबा के पास बैठकर जिधर जिधर रास्ता शुरू हुआ है उस तरह से नक्शा बनाना शुरू किया।
नरगिश: मैं अपने गाँव के बारे में इतनी गहरायी से कभी नहीं सोचा था लेकिन जब मैंने मैप बनाना शुरू किया तो मुझे आसान लगने लगा।
कोमल: मेरे गाँव की स्थिति ठीक ठाक है वैसा कोई इलाका नहीं है जहाँ आर्थिक स्थिति ठीक न हो। इसका एक कारण यह है की सभी लोग बाहरी प्रवेश से (माइग्रेंट) हैं।
छोटी: यह बनाने के समय मेरे दिमाग में बहुत सारी बातें चल रहीं थी। घर में दीदी की मदद से इसे कर भी पाई। एक बात मैं बताना चाहती हूँ, मैं जहाँ अभी पढ़ाने जाती हूँ वहाँ क्या बेहतर होना चाहिए, यह सब ख्याल बनाते समय यह भी मेरे दिमाग में चल रहा था।
काजल: मैंने पहली बार इस तरह की किसी गतिविधि में भाग लिया है। मैं खुश हूँ कि हर चीज को बारीकी से दिखा पाई हूँ। मुझे तो ऐसा लग रहा था मानों मैं लोगों को अपना गाँव घुमा रही हूँ।
नंदनी: मैंने कभी तस्वीर नहीं बनायीं है। लेकिन जब मैं इसे बना रही थी तो मैने अपने गाँव के साथ मैं जहाँ पढ़ाने जाती हूँ उस हरे भरे गाँव को भी दर्शा पाई और बाल विवाह के बारे में लोगों से उनकी सोच का कारण जान पाई।
इस पूरे प्रक्रिया में एडु-लीडर्स को अपने गाँव का नक्शा बना कर वहाँ की जनसंख्या,टोले, हर टोलों की बसावट और विद्यालय आदि को दर्शा कर अपने टोले के अनुसार वहाँ की शिक्षा और बाल विवाह पर महिलाओं और पुरुषों के विचारों को जानना था।
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