हम अक्सर किसी काम को करने से पहले योजना बनाते हैं। योजना कार्य सञ्चालन से लेकर कार्य के निष्पादन तक बनायीं जा सकती है और इन योजनाओं में अनुभवों के आधार पर परिवर्तन भी लाया जा सकता है। हमने भी इस सन्दर्भ में योजनायें बनायी कि, “बच्चों को कक्षा में क्या पढ़ाया जाए?”
इन योजनाओं को अगर मैं सरल शब्दों में बोलूं तो यह पाठ्य योजनायें हैं जिसका इस्तेमाल आप जैसे शिक्षक/एडु-लीडर्स बच्चों को पढ़ाने के लिए करते हैं। पाठ्य योजनाओं की मदद से शिक्षक को अपने कक्षा का दिनचर्या बनाने में मदद मिलती है, जैसे- आज किस बच्चे को, कौन-से विषय में, कितनी देर क्या पढ़ाना है आदि।
i-सक्षम ने भी अपने एडु-लीडर्स और बच्चों के लिए पाठ्य योजनायें बनायीं ताकि सीखने-सिखाने का काम आसानी से चलता रहे। हमनें पाया कि i-सक्षम के द्वारा अपने एडु-लीडर्स के सुविधा के लिए बनाये गए पाठ्य योजनाओं का इस्तेमाल कक्षा में बहुत कम हो रहा है। यहाँ तक कि हमारे बहुत कम एडु-लीडर्स हैं जो खुद भी बच्चों को पढ़ाने से पहले पाठ्य योजना बना रहे हो।
- यह एक समस्या है, जिसका कारण जानना हमारे लिए जरुरी है ऐसा क्यों हो रहा है?
- क्या कारण हैं कि बहुत कम एडु-लीडर्स पाठ्य योजनाओं का उपयोग अपनी कक्षा में पढ़ाने के लिए कर रहे हैं?
- वह कौन सी योजनायें हैं, जो हमारे एडु-लीडर्स को पढ़ाने में मदद कर रही है अथवा नहीं कर रही है?
- हम कैसे मुख्य समस्याओं का कारण जानकर इसके लिए कुछ “कार्य योजना” (action plan) बना सकते हैं?
- पाठ्य योजना के उपयोग कर एडु-लीडर्स को कक्षा में पढ़ाने में मदद कर सकते हैं एवं एडु-लीडर्स को खुद के लिए पाठ्य योजना बना पाने में सक्षम बना सकते हैं?
इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए हमने इसपर “क्रिया अनुसंधान” (action research) किया है । मेरी समझ से, “क्रिया अनुसंधान किसी मौजूदा चुनौतियों/ समस्याओं को समझने, उसका अध्ययन करने और अध्ययन के आधार पर समस्याओं/चुनौतियों से निपटने के लिए योजना बनाने की एक प्रक्रिया है।”
हमें उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से हमलोग जल्द ही आपसे इस समस्या के समाधान के लिए बनाई गयी योजनाओं पर भी चर्चा करेंगे।
एकता, i-सक्षम संस्था में टीम सदस्य हैं। ये जमुई, बिहार में रहती हैं।
No comments:
Post a Comment