Tuesday, October 12, 2021

सुने-सुनाएँ प्रभावशील कहानियाँ : धर्मवीर

 कहानियाँ होती हैं बेमिसाल, इसमें सिमटा रहता हैं, समय और काल,

कहानियों के बल ये बच्चे दिखाते हैं, कमाल और मचाते हैं धमाल।।

आप सभी को एक ऐसी ही अनोखी बच्ची के विषय में बताने जा रहा हूँ जो बहुत ही प्यारी और शांत बच्ची हैं। इस बच्ची का नाम सोनाक्षी, वर्ग पंचम की छात्रा हैं। सोनाक्षी, निक्की दीदी के पास पिछले एक महीने से पढ़ रही हैं। इसने एक माह से ही विधालय जाना शुरू किया है। शुरू में ये बहुत शांत रहती थी। लेकिन अब ये बहुत ही सृजनात्मक कार्य करने लगी है। मैं जब कक्षा में पहुँचा तो निक्की एक कहानी सुना रही थी। मैं ध्यान से सभी बच्चों को देख रहा था तब मेरी नज़र सोनाक्षी पर पड़ी, मैंने देखा कि वो अपने हाथों से कुछ जोड़ने की कोशिश कर रही थी और कुछ सोच रही थी।

मुझे उस समय ये नहीं पता था कि वो कहानी में जिक्र हुआ घोंसला, अपने मन में सोचकर उसको आकृति देने की कोशिश कर रही है। फिर निक्की के पढ़ाने के बाद, मैंने इस कहानी को मॉडलिंग करके दिखाने की कोशिश की। जिसका नाम था- मुनमुन और मुन्नू

इस कहानी को सुनकर बच्चे बहुत खुश हुए तथा बच्चों ने खूब मज़े किये। साथ-ही-साथ बच्चों का उत्साह देखने लायक था। इन सब चीजों को देखते हुए मैंने सभी को होमवर्क के रूप में घोंसला बनाने को कहा।

मैं सही में आश्चर्यचकित रह गया, जब अगले दिन मैं विधालय पहुँचा!


उस बच्ची को हाथों में घोंसला लेकर आते देखा।

उस दिन उस विधालय में दान-उत्सव होनेवाला था। तो सोनाक्षी अपने माँ के साथ आ रही थी। तभी पता चल गया कि उनकी माँ ने उन्हें घोंसला बनाने में काफी मदद की, जो कि एक जागरूक और बेहतर अभिभावक की पहचान होती है। इस सराहनीय कार्य के लिए बाकी अभिभावक प्रशंसा कर रहे थे, इस प्रशंसा को सुन सोनाक्षी और उनकी माँ दोनों काफी खुश दिख रही थी।

वास्तविक में जब बच्चे इस तरह के कार्य को इतने उत्साहपूर्वक करते हैं। तो हम भी अपने अन्दर एक उत्साह महसूस करते हैं। ऐसी कहानियां बच्चे को तो प्रेरित करती ही हैं, साथ-साथ औरों को भी एक नयी सीख और नयी उर्जा से भर देती हैं।

इससे इतना तो समझ आ ही जाता हैं कि कहानियाँ हमारे बच्चों के जीवन में कितनी प्रभावशील होती हैं। जिन चीजों को बच्चे ऐसे साधारण भाषा में नहीं समझ पाते हैं, यदि उन्हें कहानी के माध्यम से समझाने की कोशिश की जाए तो बच्चों की समझ देखने लायक होती हैं। 

सरल शब्दों में कहें तो कहानी किसी कठिन विषय को बहुत ही आसानी से बच्चों के समस्त प्रकट करने का जरिया होती हैं।

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