Friday, September 17, 2021

टास्क-ट्रैकर में क्या भरूँगा? : श्रवण

प्रत्येक सप्ताह शुक्रवार शाम को रोमाना के साथ सेशन हो रहा है। सितम्बर माह के अंतिम में एक बात जो उन्होंने सभी साथियों को स्वयं के साथ अनुभव करने को कही थी, वो थी “कुछ समय स्वयं के लिए निकालना और उस समय माइंडफुल  रहना”।

मैंने आज रोमाना की बात पर गौर किया और इसे करने की कोशिश की।

अमेज़न प्राइम पर जाकर एक संगीत ढूंढा, कान में लगाया और सोचा “शुरू करते हैं” संगीत अच्छा था, पर यह करना बहुत मुश्किल हो रहा था।

शुरुआत में शरीर मे बैचैनी सी महसूस हो रही थी, जैसे कि शरीर यह कह रहा हो...

भाई, यह क्या नया शौक पाल लिए?
बेचैनी थोड़ी कम हुई तो फिर मन जैसे मानने को तैयार ही न हो...
कभी सोचे “टास्क ट्रैकर में क्या भरूँगा?”
तो कभी “यह सब करने के बाद क्या करना है?”

किसी तरह मुश्किल से 10 मिनट गुजरे। खुद के साथ रहना शायद ज्यादा मुश्किल है, इसलिए हम इससे भागते रहते हैं।

मैंने तो यह तय किया है कि प्रतिदिन 20 मिनट खुद के साथ इस तरह समय बिताऊंगा।

देखूँ तो सही, आगे यह सफर कैसा जाता है? खुद से दोस्ती हो भी पाती है या ये अनबन बनी रहती है। अगर आपमें से भी किसी साथी ने कुछ कोशिश की हो तो साझा करें, हिम्मत मिलेगी।

-श्रवण कुमार

श्रवण, i-सक्षम संस्था के फाउन्डिंग मेम्बेर्स में से एक हैं

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