Monday, September 6, 2021

कविता का शीर्षक "शिक्षक" : ममता

शिक्षक

आदर्श का मिसाल बनकर, 

सबमें जो आत्मविश्वास भरता...

विद्यार्थियों के सपनों को जो,

संवारना ही अपना सपना बनाए...

           ऐसे हैं शिक्षक हमारे।


सदाबहार फूल सा खिलकर,

खिलता और खिखिलाता सबकों...

हम उम्र में हम उम्र से बनकर, 

बच्चों में जो बच्चा बन जाए...

          ऐसे हैं शिक्षक हमारे।


हमेशा जो अपनी मुट्ठी में, 

आकाश सारा दिखलाये...

दूसरों की जय से पहले,

खुद की जय करना सिखलाये...

         ऐसे हैं शिक्षक हमारे।


जो अपने शब्दों से,

बच्चों में भर दे ऊर्जा...

उनकी क्षमता से उन्हें मिलाये,

करके सीखो का पाठ पठाए...

जिसे देख खुद सिर नभ जाए,

          ऐसे हैं शिक्षक हमारे।

ममता i-सक्षम संस्था में बैच-1 की फेलो रह चुकी हैं

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