नमस्ते साथियों,
मैं आप सभी के साथ जमुई से मुंबई के एक लर्निंगफुल सफर साझा कर रही हूँ। इस सफर में मैं, आदित्य सर, रवि सर और रनिता दीदी साथ थे।मैं और आदित्य सर पहले कोलकाता गए। हमारी फ्लाइट में कुछ समय था तो हमने विक्टोरिया मेमोरियल और साइन सिटी घूमने का प्लान बनाया। यहाँ मुझे बहुत सी बातें ऐसी पता चली, जो इतिहास के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण थी। मेरे अन्दर और इतिहास को जानने की लालसा जगी।
घूमने के बाद हम दोनों सीधे एयरपोर्ट के लिए निकले। मुझे थोड़ा-थोड़ा डर लग रहा था क्योंकि मैं पहली बार फ्लाइट पर बैठने वाली थी। परन्तु मेरे साथ आदित्य सर थे तो मुझे हिम्मत मिली। और मज़े की बात ये हुई कि जब फ्लाइट टेकऑफ कर रही थी तब मेरा डर गायब हो गया और मैं आराम से इस उड़ान के मज़े लेने लगी। मुझे ख़ुशी भी हो रही थी कि अब मैं मुंबई पहुँचने वाली हूँ।
जब मैं मुंबई पहुंची तो वहाँ का नजारा कुछ अलग ही दिखा।
फिर 26 फरवरी से The NUDGE की तरफ से चार दिन का सेशन शुरू हुआ। जिसमें मैं बहुत सारी आर्गेनाईजेशन के लोगों से मिली, उनके काम के बारे मे जाना। इन संस्थाओं ने अपनी सफलताएं और चुनौतियाँ साझा की।
सारी मीटिंग्स के बाद, हम सभी लोग फिर से घूमने गए। मैं हाजी अली दरगाह और गेटवे ओफ इण्डिया गयी। मैंने बहुत सारी तस्वीरें ली और समुन्दर को बिलकुल पास से देखा।
डिनर पर हमारी मुलाकात तीनो सर के मेंटर से हुई।
उनसे मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा। उन्होंने मेरे अनुभव को सुना और अपनी बातें भी खुलकर
साझा की।
और अंत में मेरी एक सीख जो मैं आप सभी के साथ साझा करना चाहती हूँ वो यह है कि हम सभी के लिए अंग्रेजी भाषा सीखना बहुत जरुरी है।
मैं कोशिश करुँगी कि मैं दैनिक जीवन में अधिक से अधिक अंग्रेजी भाषा के शब्दों का चयन कर सकूँ। मैं इस काम को सीरियसली एक्शन प्लान बनाकर, बिना समय गवाए, टॉप प्रायोरिटी पर रखकर शुरू करना चाहती हूँ। अब लग रहा है कि जितने महत्वपूर्ण अन्य काम हैं, उतना ही अंग्रेजी सीखना भी है।
नर्गिस
वयं सदस्य
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