नमस्ते दोस्तों,
मैं आप सभी के साथ क्लस्टर में हुए कार्य का अनुभव साझा करने जा रही हूँ। हमारे क्लस्टर का नाम “जिज्ञासा आओ कुछ कर दिखाएँ” हैं।
जैसा कि आप सभी को पता है कि हम क्लस्टर में वॉइस एंड चॉइस से जुड़ा एजेंडा बनाते हैं। हमारा इस बार का एजेंडा था- अशिक्षित महिलाओं के लिए साक्षरता की पाठशाला खोलने का।
मैंने इतनी भीड़ में पहली बार बच्चों को एक्टिविटी करायी और साफ-सफाई का महत्त्व भी समझाया। मुझे यह सब कराते हुए बहुत ख़ुशी महसूस हो रही थी और खुद पर गर्व भी महसूस हो रहा था। मेरा डर भी कम हुआ। और मैं यह भी सोच रही थी कि इस प्रकार के कार्य मुझे आगे अपनी बात रखने में बहुत मदद करेंगें। शायद ऐसे ही मैं आगे बढ़ पाऊँगी।
हमने मंदिर के पुजारी से रिबन कट कराया और फिर वहाँ के आस-पास के लोगो ने बच्चों को खाने के लिए कुछ नाश्ता दिया। बच्चे भी बहुत खुश थे। फिर हमने उपस्थित लोगों को इस साक्षरता की पाठशाला का उद्देश्य बताया। उन्हें बताया कि हम लोग शनिवार को यहाँ आपको कुछ नयी चीज़े सिखायेंगे और खेल-खेल में पढ़ायेंगे। आप अगले शनिवार से कॉपी-कलम लेकर आईयेगा।
सभी बच्चों ने खुश होकर बोला कि जरुर आयेंगे, दीदी। बच्चे-बूढ़े और आसपास के सभी लोग बहुत खुश थे।
इसी तरह यह ओपनिंग समाप्त हुई। हम आशा करते
है कि जिस तरह से एक शनिवार को हम सभी बच्चों को थोड़ी सी सीख दे पाए, उसी तरह अगले
शनिवार भी वहाँ जाकर बच्चों को पढ़ा पायें।
ताकि बच्चे जल्दी पढ़ाई से जुड़ जाये और धीरे-धीरे स्कूल की तरफ भी उनकी रुचि बढ़े। इसके साथ उनके अभिवाभक भी हस्ताक्षर करने सीखें, जो हम सभी साथियों का लक्ष्य भी है।
रागिनी,
बैच-9, मुंगेरहम
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