Sunday, April 21, 2024

अजी वाह वाह! - कविता

"अजी वाह वाह!" 

 

एक बिल्ली हमारी,

कैसी बैठी बेचारी,

अजी वाह वाह!

 

लगे हमको वो प्यारी

अजी वाह वाह!

 

छुपके छुपके वो जाती

चूहा झट से पकड़ती

वो तो कुत्ते से डरती

अजी वाह वाह!

 

कुत्ता हमारा कैसे बैठा?

बेचारा लगे हमको प्यारा

अजी वाह वाह!

 

छुपके छुपके वो जाता,

बिल्ली झट से पकड़ता,

अजी वाह वाह!

 

वो तो डंडे से डरता,

अजी वाह वाह!

अजी वाह वाह!! 

  

कुमारी सोनम

बैच- 10 (a), मुंगेर


 


 


 

No comments:

Post a Comment