"मैं सक्षम हूँ"
अव्वल, अवगत, आत्मनिर्भर आधुनिक युग की नारी हूँ।
मत समझो अब अबला नारी, मैं सक्षम हूँ, शक्तिशाली हूँ।
चली गई वो कल की शाम, जहाँ जीती थी लेकर कल की आस।
कुछ न कहती, सब कुछ करती, सुनती थी मैं सबकी बात।
आज बनी मैं युगारंभ की निर्माता, हर बाधा मुझसे हारी है।
खुद घर, समाज में मैंने अपनी जगह बनाई है।
ऊंचे-नीचे पद पर बैठी, सम्मान की मैं इख़्तियार हूँ।
स्नेह, लगाव और करुणा की भंडार, आज की मैं नारी हूँ।
हर संग्राम पर विजय पाऊं, यह मुहिम अभी भी जारी है।
मत समझो अब अबला नारी, मैं सक्षम हूँ, शक्तिशाली हूँ।
मैं सक्षम हूँ, शक्तिशाली हूँ, मैं सक्षम हूँ, शक्तिशाली हूँ।
आँचल, एलुमनाई
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