आज मैं आपलोगो के साथ एक बच्चे की कहानी साझा कर रही हूँ। जिसका नाम नमन कुमार है और राजकीय प्राथमिक विद्यालय दरधा चौसज कक्षा 2 का छात्र है। उसके पिता जी का नाम रवि साह है, माता का नाम रजनी देवी है। नमन गणित में बहुत तेज है वो अभी कक्षा 2 में गया है।
नमन जब कक्षा एक में था तब ही वह कक्षा तीन के गणित के प्रश्न हल कर लेता था। जब मेरी बडी (राधा कुमारी) कक्षा अवलोकन के लिए जाती थी तब भी नमन तीसरी कक्षा के प्रश्न हल करने की जिद करता था।
मेरे विद्यालय जाने के बाद उसमें काफी बदलाव आयें हैं। जैसे पहले वो विद्यालय आना पसंद नहीं करता था। बहुत छुट्टियाँ करता था। लेकिन अब रोज़ विद्यालय आता है।
पहले सिर्फ गणित ही पढ़ने की जिद किया करता था, लेकिन मेरे समझाने के बाद अब ध्यान से बाकी विषय भी पढ़ता है और होमवर्क भी करके आता है।
मैंने उसे समझाया कि आपको सफल होने के लिए सभी विषयों का ज्ञान होना आवश्यक है। हिंदी और अंग्रेजी विषय में उसे अल्फाबेट्स और ‘अ से य’ तक ही वर्णमाला का ज्ञान था। परन्तु अभी उसे दिनों के नाम, महीनों के नाम और हिंदी में शब्द पढ़ना भी आ गए हैं।
उसके व्यवहार में भी परिवर्तन आया है। जैसे सभी से आदरपूर्वक बात करना और अपने साथियों की मदद करना। इस तरह की बातें पहले उसमे कम ही ओब्सर्व (observe) करने को मिलती थी।
मनीषा कुमारी
बैच-10, मुज्ज़फ्फरपुर
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