मैं आज आप सभी के साथ उत्क्रमित मध्य
विद्यालय अंबा जहाँ एडु-लीडर
स्वाती सपोर्ट (support) करती है, वहाँ की एक छोटी सी स्टोरी साझा करने जा रही
हूँ।
जब भी मैं स्वाती के स्कूल जाती
थी तो मुझे फील होता था कि वो कैसे बच्चे को हैंडल करती
हैं?
क्योंकि बच्चे बहुत बदमाशी करते
थे, इधर-उधर दौड़ते रहते थे। ना ही पढ़ते थे। बिना पूछे बाहर जाते थे।
बिना पूछे अंदर आ जाते थे। कोई
किसी की कॉपी छीन लेता था।
यह सब देखकर
मुझे कभी-कभी महसूस होता था कि अगर मैं होती तो इन बच्चों को नहीं संभाल पाती।
लेकिन स्वाती लगातार अपने कक्षा
में अलग-अलग एक्टिविटी के माध्यम से, खेल के माध्यम से,
TLM के माध्यम से बच्चों से जुड़ने के लिए मेहनत की। स्वाती ने कक्षा में वैल्यूज़
(values) को फॉलो करवाने के लिए भी काफी प्लानिंग (planning) की।
इसके लिए छोटे-छोटे गोल्स बनाते
रहती थी। जब मैं मई महीने में स्वाती की कक्षा अवलोकन के लिए गई, तो मैंने उनकी
कक्षा में काफी बदलाव देखा। बच्चे नॉर्मस फॉलो कर रहे थे,
वैल्यूस फॉलो कर रहे थे, सीखने-सिखाने में एक दूसरे को मदद कर रहे थे।
जब मैं और स्वाती डीब्रीफ़ (debrief) करने
के लिए कक्षा के पीछे जा रहे थे तो स्वाती बच्चों को दो के समूह में बिठा कर बोली
कि आप लोग एक-दूसरे से सीखो। मुझे जो सबसे ज्यादा आकर्षित किया, बच्चे आपस
में एक-दूसरे को सीखने मे मदद कर रहे थे और कोई शोर नहीं कर रहा था।
यह देख मुझे एहसास हुआ कि कहीं
ना कहीं स्वाती अपनी कक्षा की दक्षता और वैल्यू को कक्षा में लाने के लिए काफी मेहनत
की है।
प्रीति झा
बडी, बेगूसराय
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