आप सभी जानते ही हैं कि पिछले महीने हमारे क्लस्टर का गोल (goal) ऐसी दस लड़कियों/महिलाओं से मिलकर उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए मोटीवेट (motivate) करना था, जिन्होंने आठवीं कक्षा के बाद या पहले किन्ही कारणों की वजह से पढ़ाई को छोड़ दिया था।
हमें उन्हें ढूंढकर, उनसे बात करके उनकी आगे की पढ़ाई को लेकर उनकी सहायता करनी थी। इसलिए शनिवार को मौसम और मैं आठवीं में नामांकन करायी हुई अनुसूचित समुदाय (ST) की दो लड़कियों से मिले।
इनसे मिलना इतना आसान भी नहीं था।
क्योंकि ये दोनों हमसे बातचीत करने से भाग रहीं थी। हम बहुत बार इनके घर गए, लेकिन बात नहीं हो पायी। बहुत प्रयास करने के बाद हम पिछले शनिवार को सफल हुए।
हमने इन्हें समझाया तो इन्होंने सोमवार से स्कूल जाने का वादा किया। उनकी बात से मुझे और मौसम को बहुत ख़ुशी हुई। मेरे मन में बहुत सारे प्रश्न भी आ रहे थे परन्तु मैं उन प्रश्नों को अपने मन में लेकर घर वापस आ गयी।
सोमवार को मैंने शबनम और कविता की कक्षा में जाकर उनसे पढ़ाई के बारे में बात की। उन्हें कैसा लग रहा है, यह प्रश्न भी किया।
उन्होंने बताया कि वो खुश हैं। उन्हें अच्छा लग रहा है और अब वो रोज़ स्कूल आएँगी।
मुझे भी उन्हें स्कूल में देखकर, स्कूल की वर्दी में देखकर बहुत ख़ुशी हुई।
पहले (जब ये स्कूल नहीं आती थी और हम इनके घर जाते थे।) इन्हीं लड़कियों ने फोटो क्लिक करने से मना किया था और इन्होंने आज खुद ही फोटो क्लिक करने को कहा। मैं आशा करती हूँ कि इनका आत्मविश्वास बना रहे और ये रोज़ स्कूल आयें।
सत्यम स्वाती
बैच-9, जमुई
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