एक दिन मैं लेम्बुआ गाँव में मोबिलाइजेशन के लिए गयी। यह गाँव नेशनल हाईवे से सटा हुआ था। यहाँ बहुत आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहाँ के लोगो कि भाषा मुझे बहुत ही आकर्षित करने वाली और लुभावनी लगी। क्योंकि यहाँ के लोग भोजपुरी में बोल रहे थे।
जब मैं उस गाँव में पहुंची तो मुझे एक औरत मिली। मैंने उन्हें अपने और i-सक्षम के बारे में बताया। उन्होंने मेरी बात समझ ली थी परन्तु वह मेरी मदद करने के लिए जब किसी अन्य महिला या पुरुष को i-सक्षम के बारे में बता रही थी तो वह भोजपुरी में बता रही थी।
जैसे- यह सब लोगन आई-सक्षम से आइल बानी। जो यह गांव के बुचिया और महिला लोगन के खोज रहल बानी। जो अपने ही गांव और विद्यालय में काम करें के बा तो यह सब लोगन तोहनी के साथ बातचीत करेला चाहा तानी, और बता दे की का कर के बा।
चली जा बुचिया लोगन तोहनी के काम कर के बा और एक बार से जुड़ के देखा और आगे बढ़ा।
उस महिला की बात सुनकर लड़कियां मेरे पास आयीं और मैंने उनका एग्जाम लिया। उनकी बोली सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा। इसलिए मैं यह अनुभव आपके साथ साझा कर रही हूँ।
निक्की कुमारी
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