सुपर है, सुपर स्कूल हमारा!
वहां जाओगे जब तुम,
सपनों का संसार मिलेगा,
जीवन का आधार मिलेगा।
सुपर है, सुपर स्कूल हमारा!
खेल का मैदान बड़ा सुहाना,
हर खेल का सामान निराला।
पढ़ने का एक अलग मज़ा,
लिखने की दुनिया भी है सजा।
सुपर है, सुपर स्कूल हमारा!
वहां जाओगे जब तुम,
हर दिन बनेगा खास,
सुपर है, सुपर स्कूल हमारा!
सलोनी
बैच-9, मुजफ्फरपुर
(यह कविता सलोनी कुमारी ने लिखी है। वो छपरा मेघ गांव की रहने वाली हैं। उनकी पढ़ाई गाँव के एजुकेशन इंडिया स्कूल से शुरू हुईं और अभी महंत दर्शन दास महिला कॉलेज मिठनपुरा, मुजफ्फरपुर में पढ़ रही हैं। उन्हें i-सक्षम के बारे में उनकी दोस्त तृप्ति से वर्ष 2022 के अप्रैल माह में पता चला। वो पढ़-लिखकर प्रोफेसर बनना चाहती हैं।)
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