Saturday, October 5, 2024

अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी (APU), भोपाल Chapter 1- डर और आशंकाएँ

नमस्ते साथियों,


मैं आरती कुमारी i-सक्षम संस्था में एडु-लीडर रह चुकी हूँ। आज मैं आप सभी के साथ अपनी शुरूआती यात्रा और अनुभव को साझा करना चाहती हूँ।  


मेरी इस यात्रा में कई उतार-चढ़ाव रहे हैं, लेकिन यह एक ऐसा अनुभव साबित हुआ जिसने मेरी सोच और आत्मविश्वास को हमेशा के लिए बदल दिया। APU में आने से पहले मेरे मन में बहुत सी आशंकाएँ थीं। पहली बार अपने घर, और शहर से बाहर निकलना मेरे लिए बहुत बड़ा कदम था। 

मुझे हमेशा से यह चिंता सताती रहती थी कि क्या मैं इस नए माहौल में खुद को ढाल पाऊंगी?

क्या मैं नए लोगों के साथ तालमेल बिठा पाऊंगी? 

क्या मैं इस नई शिक्षा को समझ पाऊंगी?



जब APU में एडमिशन मिला, तो मुझे खुशी तो हुई लेकिन इसके साथ ही एक अनजाना सा डर भी मन में था। यह डर और चिंता मेरे मन में तब तक घर किये रहा, जब तक कि मैंने APU में कदम नहीं रखा। 


APU में नया माहौल और नए व्यक्तियों से मिलने के बाद मेरी सारी आशंकाएँ धीरे-धीरे दूर होने लगीं। मैंने महसूस किया कि यह एक ऐसा स्थान है, जहाँ सभी को समान रूप से देखा जाता है। चाहे उनकी जाति, भाषा, या विचारधारा कुछ भी हो। 


यहाँ के लोगों से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। जिससे मेरे अंदर का डर धीरे-धीरे खत्म होने लगा। यहाँ, सहपाठियों ने भी मुझे बहुत प्रोत्साहित किया। सभी छात्र यहाँ सीखने के लिए उत्सुक और खुले दिमाग (open-minded) वाले हैं। मैंने देखा कि हर किसी के पास अपनी एक कहानी और अनुभव है और वे सभी एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने को तैयार हैं। मेरी भी कोशिश रहती है कि उनसे कुछ नया सीखूं।


यहाँ के फैकल्टी मेंबर्स (faculty members) न केवल विषय के विशेषज्ञ हैं, बल्कि वे छात्रों के साथ जिस तरीके से बात करते हैं वो भी है। उनकी सबसे बड़ी विशेषता तो यह है कि वो सिर्फ हमें पढ़ाते नहीं हैं, बल्कि हमें सोचने, सवाल करने और खुद से उत्तर खोजने के लिए प्रेरित करते हैं। उनके पढ़ाने का तरीका बाकी जगहों से बिल्कुल भिन्न है। 

शिक्षक हमें सिर्फ जानकारी नहीं देते, बल्कि हमें उन जानकारियों को अपने जीवन और समाज के संदर्भ में समझने और लागू करने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने मुझे यह सिखाया कि शिक्षा का असली मतलब केवल किताबों तक सीमित नहीं होता बल्कि किताबें हमें जीवन और समाज के बारे में भी समझाती हैं। शिक्षकों के साथ संवाद करना भी बेहद आसान है। वो हमेशा हमारी समस्याओं को सुनने और उनके समाधान में मदद करने के लिए तैयार रहते हैं।


APU में आए हुए मुझे एक महीने से अधिक समय हो चुका है, लेकिन यह समय इतनी जल्दी बीत गया कि मुझे इसका अहसास भी नहीं हुआ। इस एक महीने में मैंने न केवल अपने विषयों के बारे में बहुत कुछ सीखा है बल्कि खुद के बारे में भी मैंने कुछ बातें जानी हैं। मैंने यहाँ सीखा कि असली शिक्षा केवल किताबों में नहीं होती, बल्कि हमारे आस-पास के लोगों, हमारे अनुभवों और हमारे विचारों में भी होती है। APU ने मुझे यह सिखाया है कि शिक्षा का मतलब केवल ज्ञान प्राप्त करना नहीं है, बल्कि उस ज्ञान को समझना और उसका सही उपयोग करना भी है।


इस यात्रा को संभव बनाने के लिए मैं i-सक्षम के सभी सदस्यों की आभारी हूँ। जिन्होंने मुझे यहाँ तक पहुँचाने में सहायता की। आपके समर्थन और मार्गदर्शन के बिना यह संभव नहीं हो पाता। आप सभी का सहृदय धन्यवाद।


आरती कुमारी

बैच-10 (बी), बेगूसराय 

 

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