Monday, September 29, 2025

“मैं करना तो बहुत कुछ चाहती हूँ, पर अकेली क्या करूँ?”

“मैं करना तो बहुत कुछ चाहती हूँ, पर अकेली क्या करूँ?”

यह सवाल अक्सर मेरे मन में आता था। 

मेरा नाम रंगीला है और मैं बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मोहम्मदपुर कोठी नया टोला गाँव की रहने वाली हूँ। मैं हमेशा से अपने समुदाय में कुछ बदलना चाहती थी, लेकिन अकेले होने और सही रास्ते की जानकारी न होने के कारण मेरे छोटे-छोटे प्रयास अक्सर नाकाफी रह जाते थे।

मेरे गाँव में कई समस्याएँ थीं—बच्चे नियमित रूप से स्कूल नहीं जाते थे, PTM (अभिभावक-शिक्षक बैठक) में माता-पिता की भागीदारी न के बराबर थी, और मेरी हमउम्र लड़कियाँ उच्च शिक्षा के बारे में सोचती तक नहीं थीं। यह सब देखकर मुझे लगता था कि बदलाव बहुत ज़रूरी है, पर कैसे करूँ, यह समझ नहीं आता था।

यह स्थिति तब बदली जब मैं i-सक्षम फेलोशिप से जुड़ी। यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि मेरे लिए वह मंच था जिसकी मुझे तलाश थी। एडू-लीडर के रूप में जब मैंने स्कूल और समुदाय में काम करना शुरू किया, तो मैंने सबसे पहले इन्हीं समस्याओं को अपनी चुनौती बनाया।

मैंने एक-एक कर इन समस्याओं को हल करने के लिए लक्ष्य बनाना और उस पर काम करना शुरू किया। यह मेरे नेतृत्व की पहली परीक्षा थी। जो बच्चे स्कूल नहीं आ रहे थे, मैं उनके घर गई और उनके माता-पिता से मिलकर उन्हें शिक्षा का महत्व समझाया। PTM में भागीदारी बढ़ाने के लिए, मैंने अभिभावकों को इसकी अहमियत बताई और उन्हें स्कूल से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। गाँव की लड़कियों तक उच्च शिक्षा की जानकारी पहुँचाने के लिए, मैंने अपने जैसे अन्य साथियों के साथ मिलकर उन्हें जागरूक करने का काम किया।

मेरी इन कोशिशों का नतीजा धीरे-धीरे सामने आने लगा। स्कूल में बच्चों की उपस्थिति 50% तक बढ़ गई। जिन PTM में कभी कोई नहीं आता था, अब वहाँ हर कक्षा से 20-25 अभिभावक नियमित रूप से शामिल हो रहे हैं। और सबसे बड़ी खुशी यह है कि मेरे समुदाय की लड़कियाँ अब उच्च शिक्षा के सपने देख रही हैं और उस दिशा में कदम भी बढ़ा रही हैं।

जब मैंने इन सपनों को अपनी आँखों के सामने सच होते देखा, तब मुझे 'सक्षम' होने का असली मतलब समझ आया। सक्षम होने का मतलब सिर्फ कुछ जानना नहीं, बल्कि यह है कि—मैं जो सोचूँ, वो कर पाऊँ।


लेखिका के बारे में:

  • नाम: रंगीला कुमारी

  • परिचय: रंगीला धर्मागतपुर, मुजफ्फरपुर की रहने वाली हैं और i-Saksham बैच-11 की एक एडू-लीडर हैं।

  • i-सक्षम से जुड़ाव: रंगीला वर्ष 2024 में i-Saksham से जुड़ी हैं।

  • लक्ष्य: रंगीला अभी ग्रेजुएशन कर रही हैं और भविष्य में अपने समाज के लिए एक रोल मॉडल बनना चाहती हैं।

No comments:

Post a Comment