"यही अवसर अगर बेटा होता, तो क्या तब भी आप उसे रोकते?"
यह एक सवाल नहीं, बल्कि एक माँ की अपनी बेटी के सपनों के लिए उठाई गई आवाज़ थी। यह सवाल मुस्कान की माँ ने उसके पिता से तब पूछा, जब मुस्कान को भोपाल की प्रतिष्ठित अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप पर पढ़ने का मौका मिला, और उसके पिता ने अपनी रूढ़िवादी सोच के कारण उसे इतनी दूर भेजने से साफ़ इनकार कर दिया।
यह सवाल मुस्कान के पिता को अंदर तक झकझोर गया। उन्होंने धीमी-सी आवाज़ में कहा, "नहीं!"
यह सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि एक पिता की सालों पुरानी सोच में आया बदलाव था। नतीजा? वह खुद मुस्कान को भोपाल, "अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी" छोड़ने गए।
आज मुस्कान अपने गाँव और राज्य की सीमाओं से निकलकर भोपाल में पोस्ट-ग्रेजुएशन कर रही है। उसकी यह यात्रा सिर्फ उसकी अपनी जीत नहीं है; यह उस गाँव के लिए भी एक मिसाल है, जहाँ अब और भी पिता अपनी बेटियों के सपनों को गंभीरता से लेने लगे हैं।
लेकिन मुस्कान मे क्षमता कहाँ से विकसित हुई?
कुछ साल पहले तक, मुस्कान बिहार के मुज़फ्फरपुर जिले के हसनपुर गाँव की वही साधारण लड़की थी, जिसकी अपनी कोई आवाज़ नहीं थी। उसका नेतृत्व शून्य था—वह फैसले लेती नहीं, सिर्फ मानती थी।
यह परिवर्तन i-सक्षम फेलोशिप के साथ शुरू हुआ। दो वर्षों तक एडू-लीडर के रूप में काम करते हुए उसने गाँव की महिलाओं और किशोरियों के साथ बैठकर सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की कभी एक सूत्रधार (facilitator) बनकर दूसरों को बोलने के लिए प्रेरित भी की। धीरे-धीरे, दूसरों को आवाज़ देने की कोशिश में, उसे अपनी आवाज़ मिल गई।
फेलोशिप खत्म होने पर, अपनी मेहनत और क्षमता से उसके सामने तीन रास्ते थे—एक बैंक की नौकरी और दो प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाई का मौका।
यह उसकी ज़िंदगी का पहला बड़ा नेतृत्व परीक्षण था। उसने नौकरी से मिलने वाली तत्काल सुरक्षा के बजाय सीखने के लंबे रास्ते को चुना। उसने आने वाला कल को देखा।
उसने अवसर का सदुपयोग दिया, और अपने अंदर छिपी एक लीडर को पहचाना और उसे निखारा। इसी हिम्मत का परिणाम है कि वह आज अपने और अपने जैसी कई और लड़कियों के सपनों को पूरा करने की ताकत रखती है।
लेखिका के बारे में:
नाम: मुस्कान
परिचय: मुस्कान मुज़फ्फरपुर, बिहार से हैं। वह i-Saksham की पूर्व फेलो (Edu-Leader) हैं।
वर्तमान: वह वर्तमान में अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी, भोपाल से स्कॉलरशिप पर अपनी पोस्ट-ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही हैं।
लक्ष्य: मुस्कान का सपना है कि वह शिक्षा और सामाजिक विकास के क्षेत्र में काम करके अपने जैसी और भी लड़कियों को आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करें।
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