Wednesday, May 29, 2024

इंटरडिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग्स से बढ़ रही है मोबिलिटी

नमस्ते साथियों, 

जब हमें CIMP की वर्कशॉप के लिए दो दिन के लिए मुजफ्फरपुर जाना था तो मैं थोड़ी घबरा रही थी। गया से मुजफ्फरपुर का रास्ता लगभग दस घंटे का है। हम शोर्ट टर्म स्टार्टअप कोर्स के लिए CIMP द्वारा आयोजित ऑफलाइन क्लासेज करने गए थे। गया से जाने वाले लोगों में चार महिलाएँ, एक पुरुष और एक बच्चा शामिल थे। लेकिन हम सभी में से किसी ने मुज़फ्फरपुर देखा हुआ नहीं था तो हमें थोड़ा डर लग रहा था। हम सभी पहली बार ट्रेनिंग के लिए मुज्ज़फरपुर जा रहे थे। 

जब लोकेशन वाइज लीड (lead) लेने की बात आयी तो नम्रता दीदी को मैंने बिना सोचे-समझे हाँ बोल दिया। इस कार्य के लिए हमारी लोकेशन से कोई भी आगे नहीं आया था। मुझे डर भी लग रहा था और मुझे यह भी पता था कि मैं रिस्क ले रही हूँ। 

मैं पटना से आलावा कहीं गयी नहीं हूँ। और पटना भी मैंने i-सक्षम से जुड़ने के बाद जाना सीखा। इससे पहले मैं अपने ज़िले से बाहर जाने के लिए पापा या भैया के साथ जाती थी।

कुछ तकनीकी कारणों से हमारी डायरेक्ट ट्रेन टिकट नहीं बन पायी थी। इस कारण हमें गया से मुज़फ्फरपुर पहुँचने के लिए सात-आठ बार वाहन बदलने पड़े। 

हमने एक ट्रेन का सफ़र किया, एक बस और चार ऑटोरिक्शा। इनकी मदद से हम अपने गंतव्य पर पहुंचें। गर्मी बहुत थी परन्तु साथियों के कारण यह सफ़र बहुत ही यादगार रहा और अब मैं कह सकती हूँ कि मैं पटना के अलावा भी अन्य डिस्ट्रिक्स आराम से जा सकती हूँ।

मुस्कान कुमारी

बैच- 9, गया


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