Monday, May 13, 2024

विद्यालय का भवन टूटने पर बच्चों में ख़ुशी का माहौल

आज (29.03.2024) जब मैं विद्यालय पहुँची तो बाकी दिनों के अपेक्षा में बच्चे बहुत खुश नज़र आ रहे थे। कारण आप तस्वीर मे देख सकते है। यह तस्वीर मध्य विद्यालय हरिहरपुर की है।

हमारे विद्यालय मे एक टूटा हुआ बहुत ही पुराना जर्ज़र भवन था। यह विद्यालय के बीचो-बीच था और विद्यालय में पर्याप्त संख्या में कक्षाएँ भी थी।बच्चों के खेलने-कूदने के स्थान पर यह भवन आ रहा था। इसलिए भी इस का टूटना अनिवार्य था। कम जगह होने के कारण स्कूल में कोई कार्यक्रम नहीं हो पाता था। मुझे इस बात का आभास तब हुआ जब मैंने स्कूल में बाल-उत्सव कराने का प्रस्ताव रखा और जगह नहीं होने के कारण मैं बाल-उत्सव नहीं करा पायी। मुझे इस बात का बहुत दुःख भी हुआ था।



यह कार्य डीएम की अनुमति के बिना नहीं संभव हो सकता था। प्रधानाध्यापिका ने चार-पाँच बार डीएम को पत्र लिखा और तब जाकर अनुमति मिली।


कहा जाता है कि जब कुछ नया होता है, नया बनता है तब लोग खुश होते हैं। लेकिन आज मैंने इसके विपरीत बच्चों में ख़ुशी देखी है। बच्चे ही नहीं विद्यालय से जुड़ा हर व्यक्ति खुश है।


कारण स्पष्ट है कि बच्चों को खेलने के लिए के मैदान मिलेगा। शिक्षकों को इस बात की ख़ुशी है कि उन्हें अब किसी कार्यक्रम को करने में समस्या नहीं होगी। प्रधानाध्यापिका को ख़ुशी है कि उन्हें और पत्र नहीं लिखने होंगें। और मुझे ख़ुशी है कि बाल-उत्सव जैसे कार्यक्रम के लिए अब पर्याप्त जगह हो गयी है।


मुस्कान कुमारी

बैच-9, गया


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