कहते हैं, अगर अच्छी पुस्तकों से दोस्ती की जाए जो आपके व्यक्तित्व में निखार लाती है, आपको जागरुक करती है औऱ एक अच्छा नागरिक बनने के लिए प्रेरित करती है, तब उससे एकदम दोस्ताना रिश्ता बना लेना चाहिए। इसके अलावा अगर हर समुदाय में एक पुस्तकालय हो, तब लोगों में जागरुकता आती है और वे पढ़ने के लिए प्रेरित होते हैं।
एडु-लीडर्स भी अपने कलस्टर मीटिंग में अनेक मुद्दों को रखते हैं, जो समाज के प्रगति के लिए जरुरी हैं और इसी कड़ी को पकड़ते हुए आंचल ने भी पुस्तकालय की महत्वता को कहानी से जोड़ते हुए बच्चों को जागरुक करने की कोशिश की है।
मैं आंचल बैच 9 मुंगेर की एडु-लीडर हूं। मैं आप लोगों के साथ एक कहानी ’गधे पर सवार पुस्तकालय’ का अनुभव साझा करने जा रही हूं।
यह कहानी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगी। इस कहानी से आज मैं यह समझ बना पाई कि रास्ते में कोई भी परेशानी आए, हमें हमेशा अपने लक्ष्य पर ध्यान देना चाहिए। अपने लक्ष्य को पाने के लिए कुछ दिन बहरे बन जाना भी स्वीकार कर लेना चाहिए।
हमारे कलस्टर मीटिंग में यह बात निकल कर सामने आई कि सब मिलकर अपने समुदाय में एक पुस्तकालय खोलना चाहते हैं, जिसमें सभी को बहुत परेशानी आ रही है, लेकिन हमलोग कोशिश कर रहे हैं कि समुदाय में एक पुस्तकालय खुले और यह एक दिन जरूर पूरा होगा।
इस कहानी के पात्र को अनेक जगहों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था लेकिन वे अपने लक्ष्य नहीं हटे। अपने लक्ष्य पर ध्यान देकर आगे बढ़ते रहे।
कुछ ऐसा ही हमारे साथ भी हो रहा है। हम जब अपने समुदाय में पुस्तकालय खोलना चाह रहे हैं, तब हमें भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है मगर इन सारी परेशानियों का सामना करते हुए हम बच्चे के लिए लाइब्रेरी खोलने का प्रयास कर रहे हैं और अलग- अलग तरह के एक्टिविटी से बच्चे को जोर रहे थे।
एक्टिविटी में हमने बच्चों को बताया कि डाकू ने भी बच्चों की एक कहानी की किताब ले ली और उसे पढ़ने लगे। इससे यही पता चलता है कि बुरे इंसान भी पुस्तकालय का इस्तेमाल कर रहे थे, जिससे एक बदलाव आया। साथ ही साथ धीरे-धीरे लोग जागरुक होने लगे और डाकू भी बुरे कामों को छोड़कर एक अच्छा इंसान बन गया।
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