हमारे एडुलीडर्स हर रोज चुनौतियों का सामना करते हैं। कभी कभी चुनौती इतनी बड़ी हो जाती है कि उसे संभालना और उससे लड़ना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इस कड़ी में आप जानेंगे कि एक एडुलीडर ने किस प्रकार अपने अनुभव साझा किया और एक बच्ची को नामांकन की सीढ़ी से जोड़ा। वे लिखती हैं-
मेरा नाम निभा है और मैं एडुलीडर हूं। मैं जमुई की रहने वाली हूं। मैं आज कुछ बातें आप लोगों के साथ साझा करने जा रही हूं।
कुछ दिनों पहले मेरे साथ फील्ड में बहुत से सवाल पूछे गए। हालांकि मैं सभी सवालों के जवाब देते गई लेकिन यह मेरे अनुभवों में शामिल हो गया क्योंकि
स्कूल जाने से क्या होगा फायदा?
मैं अपने दैनिक कामों के सिलसिले में घरों का निरीक्षण करने निकली थी। निरीक्षण में मुझे बच्चों की पढ़ाई लिखाई, उनके नामांकन की स्थिति और स्कूल जाने की स्थिति को जांचना था। हालांकि कुछ घरों में इस दौरान कोई परेशान नहीं हुई मगर एक घर ऐसा था, जहां मुझे काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
उस घर में सात परिवार थे। तीन दंपति और एक मुखिया। यानी उस घर के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति। उन तीन दंपति में से
मैंने पहले तो बच्चे के पिता से बात की और उनको बच्चे की शिक्षा की अहमियत के बारे में बताया। जब हम दोनों बात कर ही रहे थे, तब ही बहु (यानी मैं जिससे बात कर रही थी, उनकी पत्नी) आई और आते ही उन्होंने कहा, "हमको क्या फायदा होगा? मेरे बच्चे पढ़ाई करे या ना करे? अगर पढ़ाई करते हैं, तो हमको कुछ लाभ होगा तो आपको बताऊंगी और तब ही बच्चों को स्कूल भेजूंगी।"
सरकारी सुविधाओं की दी जानकारी
मैंने उन्हें बहुत समझाया कि हम शिक्षा से जुड़े काम कर रहे हैं लेकिन फिर भी वे नहीं मानी और अपने पति को भी कहने लगी कि इन्हें जाने के लिए कहो। हालांकि कुछ देर बाद ही उन्होंने अपनी बात को पलटते हुए कहा, "घर के बाकी बच्चे पढ़ने जाते हैं लेकिन मुझे इसमें कोई फायदा नजर नहीं आता।" इसके बाद मैंने घर के बाकी सदस्यों से भी बातचीत की ताकि उन्हें समझा सकूं और वे अपनी बच्ची को पढ़ने के लिए भेजे।
उसके बाद बाकी सदस्यों से भी बातचीत की और घर के मुखिया को भी सम्मलित किया। उसके बाद उनकी सोच में थोड़ा बदलाव हुआ। मैंने उन्हें सरकारी योजनाओं के बारे में भी बताया और बाकी सुविधाओं की जानकारी दी।
उसके बाद उन्होंने आश्वासन दिया कि वे अपनी बच्ची का नामांकन कराएंगी। उनकी बच्ची अभी 5-6 साल की है और बहुत प्यारी है। उम्मीद है कि अब उसे स्कूल की पोशाक में देखने का मौका मिलेगा।
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