मेरा नाम धर्मराज कुमार है और मैं जमुई जिले का रहने वाला हूं। मैं आई सक्षम में कार्यरत हूं और हमारी संस्था का उद्देश्य वैसे बच्चों की पहचान करना और उन्हें स्कूल से जोड़ना है, जिन्होंने किसी कारणवश स्कूल जाना बंद कर दिया है।
इस क्रम में मैं उनके माता-पिता से स्कूल न जाने का कारण पता करता हूं और उस समस्या का समाधान करके उन बच्चों को स्कूल भेजने के लिए उनके माता-पिता को प्रेरित करता हूं।
नामांकन है हमारा उद्देश्य
इसी दौरान यदि वैसे बच्चे मिलते हैं, जो सात-आठ साल के हैं और अभी तक उनका स्कूल में नामांकन नहीं हुआ है, तो उस बच्चे का उनके माता-पिता से मिलकर नामांकन करवाना ही हमारा उद्देश्य है और उद्देश्य लाभ या हानि से परे होते हैं, इसलिए इसमें लाभ या हानि की कोई बात नहीं है।
अगर आपके बच्चे स्कूल जा रहे हैं, तो आपसे हमारी संस्था विनती करती है कि आप हमारे इस मिशन में सहयोग करें। सर्वे के दौरान माता पिता का नाम, बच्चों का नाम और वे किस वर्ग में पढ़ रहे हैं या नहीं इतनी सी जानकारी हमें दे दिया करें ताकि उन बच्चों का स्कूल में दाखिला हो सके।
लड़कियों की शिक्षा महत्वपूर्ण
उदाहरण स्वरूप मान लिया जाए मैंने इस गांव के 100 बच्चों का सर्वे किया, जिसमें हमने पाया कि 90 बच्चे स्कूल जा रहे हैं। केवल 10 ऐसे बच्चे हैं, जो किसी परेशानी के कारण स्कूल नहीं जा रहे हैं। बस मुझे उन 10 बच्चों पर काम करना है और उनमें भी खासकर लड़कियों के लिए काम करना है।
क्या आप नहीं चाहते हैं कि आपके गांव के सभी बच्चे स्कूल जाए? वे भी पढ़े लिखे और अपने जीवन में अपना नाम कमाएं? अगर इसके लिए मैं थोड़ी सी जानकारी आपसे मांग रहा हूं ताकि मैं उन बच्चों को आसानी से पहचान कर सकूं और स्कूल में नामांकित करा सकूं, तो मुझे विश्वास है कि अब आप मेरी बातों को अच्छी तरह से समझ सकेंगे और जानकारी साझा करेंगे।
न तौलें किसी तराजू से
इन सबके बावजूद यदि आपको लगता है कि इससे मुझे कुछ फायदा होगा तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि इससे मुझे केवल आत्मसंतोष मिलेगा कि मैंने बच्चियों को स्कूल से जोड़ा और उन्हें स्कूल तक पहुंचाने में सहयोग किया।
मैं केवल आपसे विनती ही कर सकता हूं कि आप सर्वे के दौरान मेरा सहयोग करें और हर काम को फायदे के तराजू में तौलना बंद कर दें।
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