Thursday, March 30, 2023

अभिभावकों ने दी जानकारी कि घर पर पाठ दोहराते हैं बच्चे


नमस्ते साथियों, मैं मिसा भारती बैच 9 की एडुलीडर जमुई से हूं। आज मैं आप लोगों के साथ अपने पीटीएम का अनुभव साझा करने जा रही हूं। 

आज के पीटीएम में 11 अभिभावक शामिल हुए। पीटीएम में आने वाले अभिभावकों को मैंने धन्यवाद कहा कि वे अपना कीमती समय निकालकर आए। इसके बाद हम लोगों ने मेडिटेशन किया और मेडिटेशन करके उन्हें भी काफी अच्छा लगा। 

इसके बाद हम लोगों ने ठोस चित्र और संकेत के माध्यम से पढ़ाई पर बातचीत की। अभिभावकों से यह बात निकलकर सामने आई कि हम यानी की एडुलीडर्स और शिक्षक जो भी विषय और पाठ बच्चों को स्कूल में पढ़ाते हैं, उसे वे घर जाकर अपने घर वालों के साथ साझा करते हैं। यह बात मुझे काफी अच्छी लगी। 

पीटीएम एक जरिया है, जिससे संवाद हीनता समाप्त होती है और बातचीत का दायरा विकसित होता है। देखा जाए बातचीत करने और एक दूसरे की परेशानियों को समझने से ही कई परेशानियों के हल निकल कर सामने आते हैं क्योंकि स्कूल में बच्चे शिक्षक के सामने होते हैं और घर पर ज्यादातर वक्त वे अपने अभिभावकों के साथ बिताते हैं। ऐसे में बच्चों के बारे में अभिभावकों को जानना और शिक्षकों को जानकारी देना एक दूसरे के लिए बहुत जरूरी है। ‌

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