Monday, February 26, 2024

हिन्दी वर्तनी से सम्बन्धित ध्यान देने योग्य बिन्दु: Priyanka Kaushik

 

हिन्दी वर्तनी से सम्बन्धित ध्यान देने योग्य बिन्दु

 

नमस्ते साथियों,

सीखें। सिखाएं।। के पूर्व के दो अंकों में हमने वर्तनी को शुद्ध करने हेतु भाषा में अशुद्ध प्रयोग और शुद्ध प्रयोग की तुलना करते हुए मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया। इसी कड़ी में आगे कुछ नये विन्दुओं के विषय मे जानते हैं और इन्हें अपनी लेखनी में प्रयोग करने का प्रयास करते हैं।

ए और ये का उपयोग:

“ए” का उपयोग:

किसी शब्द के अंत में “ए” का प्रयोग ज़्यादातर तब किया जाता है जब हम किसी से अनुरोध कर रहे हों। जैसे: कीजिए, आइए, बैठिए, जाइए, सोचिए, बताइए आदि।

उदाहरण: देखिए, अब आप भी इस बिन्दु को समझने की कोशिश कीजिए। (देखिये और कीजिये नहीं)

“ये” का उपयोग:

लेकिन जब अनुरोध की बात न हो तब “ये” उपयोग किया जाता है। जैसे: बनाये, खिलाये, सजाये, बजाये, दिखाये, सुनाये आदि।

उदाहरण: अल्का ने तरह-तरह के पकवान बनाये और खिलाये। (बनाए और खिलाए नहीं


नीचे दिए गये चित्र में एम्बुलेंस के पीछे लिखे वाक्य को ध्यानपूर्वक देखें कि “लिऐ” कैसे लिखा हुआ है। क्या यह सही है? अपने साथियों के साथ विचार करें।


ई और यी का उपयोग:

“ई” का उपयोग: ज़्यादातर “ई” संज्ञा शब्दों के अंत में ही आता है क्रियाओं में नहीं। जैसे: सिंचाई, कटाई, कढ़ाई, मिठाई, मलाई, रज़ाई, दवाई, आदि।

उदाहरण: खेतों की सिंचाई हो गयी है अब फ़सलों की कटाई बाक़ी है। (सिंचायी और कटायी नहीं)

“यी” का उपयोग: इसी तरह क्रियाओं के अंत में “यी” आता है। जैसे: दिखायी, मिलायी, सतायी, जमायी, पायी, खायी आदि।

उदाहरण: उसने मुझे “सीखें-सिखाएं” पत्रिका दिखायी। (दिखाई नहीं)

No comments:

Post a Comment