"खुद को ऐसा बनाना है"
रोज नया सवेरे लाना
रोज नया है लक्ष्य बनाना
हारने से खुद को नही डराना
खुद को ढीठ बनाना है,
खुद को ऐसा बनाना है
खुद को ऐसा बनाना है।
चाहे आए कैसी भी मंजिल
बस उसको पार कर जाना है
चाहे बोले लाख लोग भी
चाहे बोले अपना परिवार भी
उन्हें कुछ करके दिखाना है,
खुद को ऐसा बनाना है
खुद को ऐसा बनाना है।
सबसे जीत के वहाँ तक जाना
जहाँ तक सोचा नही था जमाना
चाहे जितना भी वक्त गवाना है
खुद को वहाँ तक पहुँचाना है,
खुद को ऐसा बनाना है
खुद को ऐसा बनाना है।।
शाहिला शाहिद
मुंगेर
No comments:
Post a Comment