आज मैं तीन-चार दिनों बाद स्कूल गयी, क्योंकि बीते कुछ दिनों से मेरी तबीयत ठीक नहीं थी। इन कुछ दिनों मे ही बच्चों मे एक अजीब सा बदलाव देखने को मिला। वो यह कि बच्चे पहले से अधिक झगड़ा कर रहे थे, और बीच-बीच में एक-दूसरे को गाली भी दे रहे थे।
मुझे समझ नही आ रहा था कि मैं क्या करूँ? इस समस्या का समाधान कैसे निकले?
फिर मुझे गांधी जी के ये सुविचार याद आए: -
(1.) बुरा मत देखो।🙈
(2.) बुरा मत बोलो।🙊
(3.) बुरा मत सुनो।🙉
फिर क्या...?
मैंने यही सुविचार बोर्ड पर लिख दिये। बच्चे इसे पढ़ने लगे, लेकिन बच्चे इसे थोड़ी ही देर बाद भूल जाते, यदि वो सिर्फ इन सुविचारों को पढ़ते । बच्चे इसे आगे भी याद रखें इसके लिए कुछ विशेष किया गया। वैसे आज बच्चे मैडिटेशन करना चाहते थे। उन्हें मैडिटेशन के स्थान पर गांधी जी के तीन बंदर बनने को कहा गया। बच्चो ने अपना पात्र बखूबी निभाया। (आप तस्वीर में देख सकते हैं।)
इसके तहत मैने बच्चों को ये बताया कि आप बुरा ना देखो, ना सुनो, ना बोलो। (जैसे:- किसी को कुछ गलत बोलना, गाली देना- ये अच्छे बच्चों की आदतें नहीं हैं। अगर आप अच्छे बच्चे हैं तो आगे से कभी भी एक-दूसरे को गाली ना दें।)
फिर हमने मिलकर इन नियमों का सात-आठ बार अभ्यास किया। पहले बोलकर, फिर मैं एक्शन कर रही थी और बच्चे बोल रहे थे। एक बार बच्चे नियमों का एक्शन कर रहे थे और मैं बोल रही थी। ऐसा करने से लगभग सभी बच्चो को ये बातें याद हो गयी।
बदलाव:-
1. बच्चो का आपस मे झगड़ा कम हुआ।
2. बच्चों ने गाली देना कम कर दिया (एक ही दिन में)
3. अगर कोई बच्चा गाली देता तो दूसरा बच्चा आकर मुझे बताता, दीदी ये बुरा बोल रहा है। फिर जब मैं उस बच्चे से बात करती तो वो बच्चा बोलता, आगे से नहीं बोलेंगे, दीदी!
मुस्कान
बैच-9, गया
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