साथियों,
मैं आपके साथ कल के सेशन का अनुभव साझा करने जा रही हूँ। कल के सेशन में जब माइंडफुलनेस करवाया गया तो मुझे बहुत अच्छा लगा। उसमें समुद्र, डॉल्फिन मछलियों को, पेंग्विंस को इन सब चीजों को देखकर मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था।
ऐसा लग रहा था कि मैं देखते जाऊं। शुरू-शुरू में, मैं जब मैडिटेशन कर रही थी तो उस समय मेरा ध्यान थोडा भटका, परन्तु फिर लौट आया। मैं घर के बारे में सोचने लग गयी थी।
फिर पिछले सेशन का रिवीजन (revision) हुआ जो मुझे बहुत अच्छा लगा। जो दीदी उसमें उपस्थित नहीं थी, वो भी अच्छे से समझ पायी। मुझे सुनील की एक स्टोरी बताई गई जो कि मैं खुद से डिलीट (delete) कर पाई।
मैंने बहुत सारे स्कूल में देखा है कि बीपीएससी (BPSC) के शिक्षक आये हुए हैं, जिनसे एडु-लीडर्स को कुछ समस्याएं आ रही है। ग्रुप में इन पर चर्चा करके उनकी समस्याओं का हल निकालना अच्छा लगा।
मैं यह समझ पायी कि उस समय यदि मैं उनकी जगह होती, तो मैं क्या करती? मैं अपनी कक्षा में हुक का इस्तेमाल तो करती थी परन्तु मुझे दो-चार ही हुक्स आते थे। उसी को मैं बार-बार करती थी। कल के सेशन के बाद मुझे बहुत सारे हुक्स (hooks) के बारे में पता चला। उनमें से एक gratitude है। इसका उपयोग मैं स्वयं भी करुँगी और मेरी कक्षा के बच्चे भी करेंगें। जिससे दूसरे बच्चे भी प्रोत्साहित होंगें।
अभी तो ठंड की वजह से स्कूल बंद है, परन्तु मैं उत्सुक हूँ कि कब स्कूल खुले और मैं इन चीजों को अप्लाई (apply) कर पाऊं।
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