Wednesday, February 21, 2024

‘दरी’ के लिए आवाज़ उठायी

नमस्ते साथियों,

मैं आप सभी के साथ अपनी कक्षा का अनुभव शेयर करने जा रही हूँ। जनवरी माह की बढ़ती सर्दी को देखकर मैंने प्रधानाध्यापक सर से बच्चों के लिए दरी की व्यवस्था करने की माँग की (अपनी voice रखी)। 

मैंने उन्हें समझाया कि बच्चे जमीन पर बैठेगें तो ठंड में बीमार पड़ जाएंगे। सर ने बोला कि मैं विद्यालय कमिटी से दरी के बारे में जल्दी ही बात करता हूँ। दरी की व्यवस्था तो होनी चहिये। 

मैं फिर घर चली आयी। परन्तु दो दिन पहले जब मेरी कक्षा में दरी आयी, तो मुझे बहुत अच्छा लगा। मेरी बात सही थी और उसे सुनकर उस पर विचार किया गया, इस बात से मैं बहुत खुश थी। 

रीतु
बैच- 10, बेगूसराय

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