मैं आपके साथ आज का अनुभव साझा कर रही हूँ। मैं 26 जनवरी की तैयारी करवा रही हूँ। आज हम सभी ने नाटक का मॉडलिंग करते हुए खूब एंजॉय किया। वैसे तो स्कूल में 14 जनवरी से बच्चों की छुट्टियाँ चल रही हैं परन्तु जो बच्चे पार्टिसिपेट कर रहे हैं, उन्हें मैं स्कूल में दो घंटा प्रैक्टिस करवाने जाती हूँ।
कल जब मैं ट्रेनिंग में चली गयी थी तो कुछ बच्चो को पता नहीं था।
जब मैं घर आयी तो मम्मी बोली कि स्कूल के बच्चे बुलाने आये थे। अक्सर हमारी ट्रेनिंग शनिवार को होती थी तो इसलिए बच्चे घर बुलाने आ गए।
शाम को घर आते समय रास्ते में, कुछ बच्चे पूछने पूछने लगे कि दीदी आप कल स्कूल जायेंगे न? मैंने, हाँ कहा।
वो लोग पूरा शोर करने लगे कि दीदी कल स्कूल आयेंगी, कल बहुत मजा आयेगा। मुझे भी शोर सुनकर काफ़ी अच्छा लगा। खुशी हो रही कि बच्चे खुद से आगे आकर किसी भी चीज में भाग ले रहे हैं और अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं।
खुशबू
बैच-9, जमुई
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